मंडुआ की तरह झंगोरा का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। सीएस ने यह भी कहा, सहकारी समितियों के माध्यम से सेना और एसएसबी को खाद्यान्न, सब्जियों और मीट की आपूर्ति की जाएगी। इसका राज्य के किसानों को लाभ मिलेगा।
सचिवालय में हुई स्टेट कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी की बैठक में मुख्य सचिव ने कहा, सेना और एसएसबी के साथ खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए जल्द एमओयू किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि, सीमांत जिलों में खाली कृषि योग्य भूमि पर मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में सभी जिलाधिकारियों को डेयरी, मत्स्य सोसाइटी के गठन के लक्ष्य को प्राथमिकता पर लेते हुए समय से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारियों को राज्यभर में 2025 में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को प्रभावी रूप से मनाए जाने के लिए अधिक से अधिक जनता को इसके आयोजनों से जोड़ने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोतम, अपर सचिव सोनिका, मनुज गोयल आदि मौजूद रहे।