टिड्डियों का दल पड़ोस के जनपद बस्ती, अयोध्या और सिद्धार्थनगर पहुंच चुका है। इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि टिड्डियों का दल जनपद गोंडा समेत लखनऊ में भी हमला कर सकता है। टिड्डी दलों के सम्भावित हमले से बचाव के दृष्टिगत कृषि विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया गया है। किसानों को टिड्डी दल के हमले से बचाव को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है। गोंडा के जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव ने कहा कि वर्तमान में किसानों के खेतों में बोई गई जायद की प्रमुख फसलों जैसे-मूंग, उड़द एवं हरी सब्जियों तथा गन्ना आदि फसलों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टिड्डी दल को भगाने के लिये थालियां, ढोल, नगाडे़ अन्य माध्यमों से ध्वनि करना चाहिये।
टिड्डियों को भगाने एवं नियंत्रित करने के लिये अपनाएं ये तरीके
जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को सुझाव देते हुए बताया कि टिड्डी दल को भगाने के लिये थालियां, ढोल, नगाडे़ अन्य माध्यमों से ध्वनि करना चाहिए। इसके अलावा रासायनिक कीटनाशक क्लोरो पायरीफॉस, मैलाथियाॅन पांच प्रतिशत धूल की 25 किग्रा मात्रा का बुरकाव या क्विनालफाॅस 25 प्रति0 ई0सी की 1.5 ली0 मात्रा को 500 से 600 लीटर पानी मे घोलकर प्रति हक्टेयर की दर से फसल पर छिड़काव करें। टिड्डी दल सुबह 10 बजे के बाद अपना डेरा बदलता है। इसलिये इसे आगे बढ़ने से रोकने के लिय लैम्डा सायहेलोथ्रिन पांच प्रतिशत का फसल पर सुबह 10 बजे से पूर्व छिड़काव करें। उन्होने यह भी बताया कि टिड्डियों को भगाने में नीम का तेल भी बहुत किफायती तथा कारगर है। इसके लिए नीम के तेल की 40 एमएल मात्रा को 10 ग्राम कपडे़ धोने के पाउडर के साथ मिलाकर प्रति टंकी पानी में डालकर छिड़काव करने से टिड्डी फसलों को नही खा पाती है।
कृषि विभाग में कन्ट्रोल रूम स्थापित
जिला कृषि अधिकारी नेे बताया है कि टिड्डी दलों के सम्भावित हमले से बचाव एवं मदद के लिए जनपद स्तर पर कन्ट्रोलरूम संचालित है। कृषक टिड्डी दल के प्रकोप से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की सहायता के लिए कन्ट्रोल रूम के नम्बर 05262-233516 एवं मो0 नं0 9936898070 पर कार्यायल दिवस मे प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक सम्पर्क कर जानकारी हासिल कर बचाव कर सकते हैं।