भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मुकाबला जोहानिसबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में खेला जा रहा है. टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया अपनी पहली पारी में 187 रनों पर ऑल आउट हो गई. जिसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने साउथ अफ्रीका की टीम को 194 रनों पर ढेर कर दिया.
पहली पारी के आधार पर अफ्रीका को 7 रन की बढ़त हासिल हुई. दूसरी पारी में टीम इंडिया ने 3 विकेट गंवा कर 62 रन बना लिए हैं और अफ्रीका पर कुल 55 रनों की बढ़त हासिल कर ली है.
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पहली पारी में भुवी-बुमराह ने अफ्रीका को 194 पर समेटा
भारत की तरह ही मेजबान टीम के सिर्फ तीन बल्लेबाज दहाई के आंकड़े को छू सके. दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे ज्यादा 61 रन हाशिम अमला ने बनाए. उन्होंने अपनी पारी में 121 गेंदों का सामना करते हुए सात चौके लगाए. उनके अलावा वर्नोन फिलेंडर ने 35 और कैगिसो रबाडा ने 30 रन की अहम पारी खेली.
टीम इंडिया के लिए जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज्यादा 5 विकेट लिए. इसके अलावा भुवनेश्वर कुमार को तीन सफलताएं मिलीं. ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी को एक-एक विकेट मिला.
अफ्रीका के विकेट्स
भारत को 187 रनों पर ही समेटने के बाद अपनी पहली पारी खेलने उतरी मेजबान टीम के सलामी बल्लेबाजों को भी गेंद की उछाल और स्विंग ने छकाया. अफ्रीका को पहला झटका भुवनेश्वर कुमार ने तीसरे ओवर में एडेन मार्करम (2) को विकेट के पीछे पार्थिव पटेल के हाथों कैच करा कर दिया.
इसके बाद भुवनेश्वर कुमार ने डीन एल्गर को विकेट के पीछे पार्थिव पटेल के हाथों कैच करा मेजबान टीम का दूसरा विकेट झटका. एल्गर ने चार रन बनाए जिसके लिए उन्होंने 40 गेंदें खेलीं.
इसके बाद नाइट वॉचमैन कैगिसो रबाडा (30) और अमला ने अफ्रीकी टीम को संभाला. दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 64 रनों की साझेदारी की. रबाडा जब अपने पैर जमा चुके थे, तभी ईशांत शर्मा की गेंद उनके बल्ले को छूती हुई चौथी स्लिप में खड़े अंजिक्य रहाणे के हाथों में गई. रहाणे ने बेहतरीन कैच पकड़ते हुए भारत को तीसरी सफलता दिलाई.
अफ्रीकी बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाले भुवनेश्वर ने डिविलियर्स (5) को एक बेहतरीन इन स्विंग गेंद पर बोल्ड कर दिया. कप्तान फाफ डु प्लेसिस सिर्फ सात रनों का ही योगदान दे सके. उन्हें जसप्रीत बुमराह ने बोल्ड किया. वह 125 के कुल स्कोर पर आउट हुए. क्विंटन डी कॉक (8) एक बार फिर विफल हुए और बुमराह की गेंद पर विकेट के पीछे पटेल को कैच देकर पवेलियन लौट लिए. इसके बाद जसप्रीत बुमराह ने साउथ अफ्रीका पुछल्ले बल्लेबाजों को जल्द समेट कर अपने पांच विकेट पूरे किए.
पहली पारी में 187 रन पर ढेर हुई टीम इंडिया
भारत ने पहली पारी में सिर्फ 187 रन बनाए. भारतीय टीम की तरफ से कप्तान विराट कोहली ने सबसे ज्यादा 54 रन बनाए जबकि चेतेश्वर पुजारा ने 50 रन और भुवनेश्वर कुमार ने 30 रनों की पारी खेली. अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने भारत के सिर्फ तीन बल्लेबाज ही दहाई के आंकड़े को छू सके.
भारत ने 13 के कुल स्कोर पर ही अपने दो विकेट खो दिए थे, लेकिन कोहली ने दबाव में बिखरे बिना अपना स्वाभाविक खेल खेला और पुजारा के साथ तीसरे विकेट के लिए 84 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को संभाला. साउथ अफ्रीका के लिए कैगिसो रबाडा ने सबसे ज्यादा 3 विकेट झटके हैं. मोर्ने मोर्केल, वर्नोन फिलेंडर, लुंगी नगीदी को दो-दो सफलताएं मिलीं. फेहलुकवायो को एक विकेट मिला.
पहली पारी में टीम इंडिया ने ऐसे किया सरेंडर
भारत को पहला झटका लोकेश राहुल के रूप में लगा. फिलेंडर की एक शानदार इनस्विंग गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटकीपर डी कॉक के हाथों में जा समाई. राहुल एक भी रन नहीं बना पाए.
राहुल के बाद मुरली विजय (8) का संघर्ष ज्यादा देर चल नहीं सका. विजय, कैगिसो रबाडा की बाहर जाती गेंद पर कवर ड्राइव खेलने गए तभी गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर डी कॉक के हाथों में चली गई. विकेटकीपर ने यहां कोई गलती नहीं की और विजय को पवेलियन लौटना पड़ा.
विजय के बाद कप्तान विराट कोहली 54 रन बनाकर लुंगी नगीदी की गेंद पर डिविलयर्स के हाथों कैच आउट हुए. दो टेस्ट मैचों से बाहर बैठे अंजिक्य रहाणे (9) से सभी को उम्मीदें थीं, लेकिन वह कुछ खास नहीं कर पाए और 113 के कुल स्कोर पर मोर्ने मोर्केल की गेंद पर एलबीडब्लू करार दे दिए गए.
49वें ओवर की चौथी गेंद पर रहाणे विकेट के पीछे क्विंटन डी कॉक को कैच दे बैठे थे, लेकिन यह गेंद नो बाल निकली और रहाणे को जीवनदान मिला. लेकिन, रहाणे उसका फायदा नहीं उठा सके. चेतेश्वर पुजारा (50) के रूप में भारत को पांचवां झटका लगा, जब एंडिले फेहलुकवायो की गेंद पर डी कॉक ने उनका कैच पकड़ लिया था.
मोर्ने मोर्केल ने पार्थिव पटेल (2) को आउट करके भारत को छठा झटका दिया था. पटेल के बाद हार्दिक पंड्या को एंडिले फेहलुकवायो की गेंद पर डी कॉक ने कैच कर उन्हें भी पवेलियन लौटा दिया.
फिलेंडर ने 68वें ओवर में मोहम्मद शमी को रबाडा (8) के हाथों कैच आउट कर टीम इंडिया का आठवां विकेट गिराया. अंत में भुवनेश्वर एक छोर पर खड़े रहे. रबाडा ने भुवनेश्वर को आउट कर भारतीय पारी का अंत किया. मोर्ने मोर्केल, वर्नोन फिलेंडर, लुंगी नगीदी को दो-दो सफलताएं मिलीं. फेहलुकवायो को एक विकेट मिला.
अफ्रीका में भारत का कभी नहीं हुआ क्लीन स्वीप
1992 से अब तक अफ्रीका में टीम इंडिया का क्लीन स्वीप नहीं हुआ है. भारत छह बार दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर चुका है और 1996-97 में सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 2-0 से हारा था. भारत 2006 के बाद से पिछले तीन दौरों पर एक टेस्ट जीतने या ड्रॉ कराने में कामयाब रहा है.
जोहानिसबर्ग में भारत का रिकॉर्ड शानदार
जोहानिसबर्ग के वांडरर्स मैदान पर भारत का रिकॉर्ड अच्छा रहा है. भारत ने इस मैदान पर चार टेस्ट (नवंबर 1992 , जनवरी 1997, दिसंबर 2006 और दिसंबर 2013) खेले हैं और एक भी गंवाया नहीं है.
भारत ने यहां 2006 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टेस्ट जीता था, जिसमें श्रीसंत ने 99 रन देकर आठ विकेट लिये थे.
प्लेइंग इलेवन:
भारत: मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, पार्थिव पटेल (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह.
दक्षिण अफ्रीका: डीन एगर, एडेन मार्करम, हाशिम अमला, एबी डिविलियर्स, फाफ डु प्लेसिस (कप्तान), क्विंटन डि कॉक (विकेटकीपर), एंडिले फेहलुकवायो, मोर्ने मोर्कल, वर्नोन फिलैंडर, कैगिसो रबाडा, लुंगी नगीदी.