कोहली ने शुक्रवार को ट्रेनिंग को लेकर बातचीत करते हुए कहा, ‘कई खिलाड़ियों को नहीं पता कि जब ट्रेनिंग कर रहे हो तो कहां जाकर रुकना होता है। कई बार ऐसा हो जाता है कि बिना कुछ जाने भी हम सोचते हैं कि अपनी क्षमता का सिर्फ 70 प्रतिशत ट्रेनिंग में लगा रहे हैं। इसलिए जरुरी है कि आप खुद को उस समय तक झोंके जब तक ट्रेनिंग पूरी न कर लें। उदाहरण के लिए अगर मैं अपनी मौजूदा समय की फिटनेस बरकरार रख पाया तो अगले 10 सालों तक खेल पाऊंगा।’
60 टेस्ट में 4658 और 194 वन-डे में 8587 रन बनाने वाले भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा, ‘मैं भी यही करने की कोशिश करता हूं। मेरे अंदर प्रदर्शन की भूख कभी खत्म नहीं होती। मैं अंतिम समय तक प्रदर्शन करना चाहता हूं। मेरे अंदर आठ साल या अगर मैं कड़ी ट्रेनिंग करता हूं तो 10 साल का खेल बचा है। मैं रोज नयी शुरुआत करता हूं और छोटी चीजें भी मेरे लिए काफी मायने रखती हैं।’
विराट कोहली ने इस दौरान युवाओं को घर से बाहर निकलकर खेलने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘हमारे समय में गैजेट्स नहीं होते थे। आजकल तो लोग आईफोन और आईपैड पर व्यस्त हैं। हमारे समय में अगर किसी के पास अच्छा वीडियो गेम होता था तो हम उसके घर जाकर उसे खेलने की योजनाएं बनाते थे। मैंने अपना बचपन सड़क और मैदान पर अलग-अलग खेल खेलते हुए बिताया है और मैं युवाओं से अपील करूंगा कि वे भी बाहर जाकर खेलें और किसी ना किसी खेल से जुड़ने को कोशिश करें।’
कार्यक्रम में कोहली भारतीय बैडमिंटन टीम के चीफ कोच पुलेला गोपीचंद के साथ मौजूद थे। टीम इंडिया के कप्तान ने गोपीचंद की तारीफ करते हुए कहा, ‘मुझे याद है जब गोपी सर ने ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट जीता था। मैंने अपने दोस्तों के साथ वो मैच देखा था क्योंकि मेरा एक दोस्त राज्य स्तर का बैडमिंटन खिलाड़ी था। हम सभी को गोपी सर की उपलब्धियों पर गर्व है। उन्होंने देश को वर्ल्ड क्लास बैडमिंटन खिलाड़ी दिए हैं।’