टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी पर हाल ही में टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों में फ्लॉप होने के कारण संन्यास लेने का दबाव बढ़ता जा रहा है। न्यूजीलैंड के खिलाफ शनिवार को राजकोट में संपन्न दूसरे टी20 इंटरनेशनल में धोनी को शुरुआत में संघर्ष करते हुए देखा गया।एक बार फिर से गोरखपुर के BRD अस्पताल पर उठे सवाल, 48 घंटों में 30 नवजातों की हुई मौत
जब धोनी क्रीज पर आए तब टीम इंडिया को जीत के लिए प्रति ओवर 10-12 रन बनाने की दरकार थी, लेकिन धोनी अपने शॉट्स खेलने में सफल नहीं हो रहे थे, जिसकी वजह से यह बढ़कर 17 रन प्रति ओवर पर चला गया था।
धोनी की धीमी बल्लेबाज का असर कप्तान विराट कोहली पर भी पड़ा, जिन्होंने 65 रन बनाने के बाद मिचेल सेंटनर को अपना विकेट गिफ्ट कर दिया। बहरहाल, धोनी ने जरूर 37 गेंदों में 49 रन बनाए, लेकिन वो देर से लय में लौटे।
इसका नतीजा ये रहा कि टीम इंडिया को 40 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी और तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर हुई। अब सीरीज का परिणाम 7 नवंबर को निकलेगा जब दोनों टीमें तिरुवनंतपुरम में भिड़ेंगी।
धोनी टी20 क्रिकेट में संघर्ष कर रहे हैं और पूर्व भारतीय बल्लेबाज का मानना है कि उन्हें युवाओं के लिए अपनी जगह छोड़ देना चाहिए। लक्ष्मण का विचार सही भी लग रहा है क्योंकि छोटे प्रारूप में धोनी की मौजूदगी से टीम इंडिया को कोई फायदा नहीं हो रहा है। उनका 2019 वर्ल्ड कप और उसके बाद 2020 में वर्ल्ड टी20 में खेलने का कोई भरोसा नहीं है।
लक्ष्मण ने कहा, ‘मुझे लगता है कि एमएस धोनी को टी20 प्रारूप में युवाओं को मौका देना चाहिए। युवा के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का अनुभव प्राप्त करके विश्वास हासिल करने का शानदार मौका होगा। हालांकि, धोनी अभी वन-डे में सर्वश्रेष्ठ हैं और वो इसी प्रारूप में खेलना जारी रख सकते हैं।’