फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर के लिए हुई वोटिंग में इमैनुअल मेक्रॉन ने अपनी दावेदारी और मजबूत कर ली। अब मेक्रॉन और राइट विंग की नेता मेरीन ली पेन के बीच 7 मई को दूसरे दौर का मुकाबला होगा। मेक्रॉन (39), फ्रांस के इतिहास में सबसे यंग लीडर हैं। पहले दौर की की वोटिंग में लोगों के सामने कुल मिलाकर 11 उम्मीदवार थे। इंटीरियर मिनिस्ट्री के मुताबिक, मेक्रॉन को 23.7% वोट मिले, जबकि ली पेन को 21.7% वोट हासिल हुए।
B’day special: अब तक नहीं टूट पाए इस खिलाड़ी के ये 5 सबसे बड़े रिकार्ड्स… मेक्रॉन ने कहा, “पिछले कई महीनों से फ्रांस के लोगों में डर, गुस्से और शक की बातें सुन रहा था। वे बदलाव की मांग कर रहे हैं। मैं राष्ट्रवादियों से अपील करता हूं कि देश में उदारवाद लाने के लिए मुझे सपोर्ट करें।”  मेक्रॉन और पेन को कंजरवेटिव फ्रांसुआ फिलन और ज्यां लुक मेलाशों से कड़ी टक्कर मिली।  बता दें कि पेन ने जनवरी 2011 में अपने पिता की जगह नैशनल फ्रंट की लीडरशिप संभाली थी। इसके एक साल बाद हुए  राष्ट्रपति चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहीं थीं।
मेक्रॉन ने कहा, “पिछले कई महीनों से फ्रांस के लोगों में डर, गुस्से और शक की बातें सुन रहा था। वे बदलाव की मांग कर रहे हैं। मैं राष्ट्रवादियों से अपील करता हूं कि देश में उदारवाद लाने के लिए मुझे सपोर्ट करें।”  मेक्रॉन और पेन को कंजरवेटिव फ्रांसुआ फिलन और ज्यां लुक मेलाशों से कड़ी टक्कर मिली।  बता दें कि पेन ने जनवरी 2011 में अपने पिता की जगह नैशनल फ्रंट की लीडरशिप संभाली थी। इसके एक साल बाद हुए  राष्ट्रपति चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहीं थीं।
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संभावना है कि फ्रांस यूरोप के सिंगल करंसी सिस्टम से बाहर निकल सकता है। वहीं, मेक्रॉन ने कहा कि फर्स्ट राउंड के नतीजे बताते हैं कि लोग ट्रेडिशनल पार्टियों को नकार रहे हैं। “सबसे बड़ा चैलेंज उस सिस्टम को तोड़ना है जिसमें बीते 30 सालों से समस्या का हल नहीं खोजा जाना सबसे बड़ी समस्या रही।” मेक्रॉन एक इन्वेस्टमेंट बैंकर रह चुके हैं।
इससे पहले उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा। महज 12 महीने पहले ही उन्होंने अपना कैम्पेन शुरू किया था। रविवार को पोल्स में बताया गया कि मेक्रॉन, ली पेन पर जीत दर्ज कर सकते हैं।  बीते 60 सालों में ये पहली बार है कि दूसरे राउंड में न तो रिपब्लिकन और न ही सोशलिस्ट कैंडिडेट अपनी जगह बना पाया।
 बता दें कि 2012 में 79.48% वोटिंग हुई थी जबकि इस बार 80% लोगों ने वोट डाले।
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