अमेरिका के टेक्सास और एरीजोना राज्यों ने शनिवार (7 अप्रैल) को मैक्सिको के साथ लगती दक्षिणी सीमा पर नेशनल गार्ड के जवानों को भेजने की योजना की घोषणा की. इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नशीले पदार्थों की तस्करी और अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए सीमा पर हजारों सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया. टेक्सास नेशनल गार्ड ने कहा कि वह 72 घंटों के भीतर सीमा पर 250 सैनिक भेजेगा और उसने पहले ही दो लाकोटा हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए हैं. दूसरी ओर एरीजोना के गवर्नर ने कहा कि वह अगले सप्ताह 150 सैनिकों को भेजेंगे.
ट्रंप के सीमा पर सेना तैनात करने के फैसले से मैक्सिको के साथ अमेरिका का तनाव बढ़ गया है. वहीं मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो ने कहा कि ट्रंप का ‘‘धमकाने या अपमान करने वाला रवैया’’ न्यायोचित नहीं है. इस तैनाती से वित्तपोषण से जुड़े सवाल उठने लगे हैं. पेंटागन ने यह नहीं बताया कि धनराशि कहां से आएगी. बहरहाल ट्रंप ने कहा कि व्हाइट हाउस खर्च पर विचार कर रहा है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (6 अप्रैल) को कहा था कि वह मैक्सिको के साथ सटी सीमा पर दो से चार हजार सैनिकों को भेजना चाहते हैं. उन्होंने अचानक होने वाली इस तैनाती में पहली बार सैनिकों की संख्या को लेकर संकेत दिये. ट्रंप ने कहा कि नेशनल गार्ड की तैनाती कहीं भी 2,000 से 4,000 तक होगी और वह सीमा पर तब तक सैनिकों को तैनात रखना चाहेंगे जब तक वहां पर दीवार नहीं बन जाती. सीमा पर लंबे समय तक तैनाती में काफी खर्च आ सकता है जिस पर ट्रंप ने कहा कि व्हाइट हाउस इस पर विचार कर रहा है.
राष्ट्रपति ने कहा कि सीमा पर शरणार्थियों की भारी संख्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है जिसे हल करने की जरुरत है. अगर 4,000 सैनिकों की तैनाती की जाती है तो यह संख्या सीरिया में अमेरिका द्वारा तैनात सैनिकों की संख्या से भी अधिक होगी और इराक में अमेरिकी सैनिकों की संख्या की आधी होगी. तनाव बढ़ने के बीच मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो ने शुक्रवार (6 अप्रैल) को ट्रंप पर बरसते हुए कहा कि ‘‘धमकी देना या निरादर करने वाला रवैया’’ न्यायोचित नहीं है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features