अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मंगलवार दोपहर तक ईरान से चल रही न्यूक्लियर डील पर अहम फैसला ले सकते हैं। इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वह 12 मई तक बताएंगे कि ईरान से 2015 में हुए परमाणु समझौते को वह आगे बढ़ाएंगे या नहीं।
अपने इस फैसले के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्विटर पर लिखा,” मैं मंगलवार दोपहर दो बजे तक व्हाइट हाउस में बताऊंगा कि ईरान के साथ चल रहे हमारे परमाणु समझौते पर क्या फैसला होगा। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने पूर्व विदेश मंत्री जॉन कैरी की ईरान डील को बचाने वाली कूटनीति को लेकर आलोचना की थी।
डोनाल्ड ट्रंप कई बार समझौते से बाहर निकलने की धमकियां दे चुके हैं। बॉस्टन ग्लोब की खबर के अनुसार ईरान परमाणु समझौते पर चर्चा करने के लिए जॉन कैरी दो बार ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ से मिल चुके हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कैरी, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन के में भी इस समझौते के प्रमुख वार्ताकार थे। उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रॉन, जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टाइनमायर और शीर्ष यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के अधिकारी फेडेरिया मोगेरिनी के साथ भी चर्चा कर चुके हैं।
बता दें कि ईरान ने रविवार को अमेरिका को लगभग चेतावनी देते हुए कहा कि वह तेहरान और 6 वैश्विक शक्तियों के बीच हुए परमाणु समझौते से बाहर न निकले। राष्ट्रपति हसन रूहानी ने नए समझौते पर चर्चा से इनकार के अपने पुराने रुख को दोहराया। राष्ट्रपति हसन रूहानी ने किसी भी नए समझौते पर चर्चा करने से इनकार कर दिया है।
ईरान से परमाणु समझौता दरअसल ओबामा प्रशासन के समय अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी ने साथ मिलकर किया था। समझौते के मुताबिक ईरान को अपने संवर्धित यूरेनियम के भंडार को कम करना था और अपने परमाणु संयंत्रों को निगरानी के लिए खोलना था, बदले में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में आंशिक रियायत दी गई थी। डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि ईरान समझौते के बाद भी दुनिया से छिपकर अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखे हुए है।