शहरों में आए दिन होने वाले जाम से लोगों का जीवन भी करीब-करीब ‘जाम’ ही हो गया है। जिस स्थान पर दस मिनट में पहुंचना चाहिए, वहां लोग दो-दो घंटे में पहुंच रहे हैं। सड़कों पर गाड़ियों का भारी दबाव है। यातायात व्यवस्था चरमरा सी गई है। इसे देखते हुए आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञ उड़ने वाली कार के निर्माण में लग गए हैं। यह कार सीधे ‘टेक ऑफ’ और ‘लैंडिंग’ कर सकेगी। इसके लिए रनवे की जरूरत नहीं पड़ेगी।
संस्थान ने कार के निर्माण के लिए विटॉल एविएशन कंपनी से 15 करोड़ का करार किया है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग अगले पांच साल के अंदर 800 से 1000 किलोग्राम का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार करेगा। सफल परीक्षण के बाद कार को मुंबई में तैयार किया जाएगा, जहां इसकी फैक्ट्री लगाने की योजना है। मॉडल को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत तैयार किया जाएगा
एयरोस्पेस विभाग हवा में उड़ने वाली टू सीटर कार बना रहा है। यह अधिकतम 12 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकेगी। न्यूनतम ऊंचाई 1000 फीट रहेगी। कार इलेक्ट्रिक पावर और कंबशन तकनीक पर काम करेगी। इसकी गति 90 से 100 मीटर प्रति सेकंड होगी।
सुरक्षा की रहेगी खास व्यवस्था
विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में उड़ने वाली कार में सुरक्षा की खास व्यवस्था होगी। कई तरह के सेंसर लगे रहेंगे। किसी तरह की आपदा होने पर किस तरह से पैराशूट का इस्तेमाल किया जाए, उस पर मंथन चल रहा है। इंजन में कम से कम आवाज हो, एयर ट्रैफिक को नुकसान न पहुंचे, इस पर भी काम चल रहा है।
सेना के रेस्क्यू ऑपरेशन में आएगी काम
एयर टैक्सी को सेना के रेस्क्यू ऑपरेशन में काम लाया जा सकता है। अमूमन एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर के इंजन से काफी आवाज आती है, जिसकी वजह से दुश्मनों को उसके आने की जानकारी मिल जाती है। पहाड़ी और बर्फ वाले क्षेत्रों में भी इसे उड़ाना आसान होगा।
10 मई को हुआ सफल परीक्षण
आइआइटी कानपुर ने 10 मई को 20 किलोग्राम भार के अनमैंड एरियल व्हीकल (यूएवी) को 20 मिनट तक हवा में उड़ाकर सफल परीक्षण किया था। बिन पायलट यूएवी को तकनीकी सहायता लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) कंपनी से भी मिली है।
आइआइटी के एयरोस्पेस विभाग के एचओडी प्रो. एके घोष ने कहा, ‘आइआइटी के विशेषज्ञ पांच साल में हवा में उड़ने वाली कार का मॉडल तैयार करेंगे। इसे आसानी से उड़ाया और उतारा जा सकेगा। मुंबई में कार की फैक्ट्री लगाई जाएगी।’
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features