मथुरा। हाथियों को जबरदस्त ठंड से बचाने के लिए उनके लिए रंग-बिरंगे विशाल कंबल बनाए जा रहे हैं। मथुरा के हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में फिलहाल 23 हाथियों को रखा गया है। ये बेहद खराब स्थितियों में थे और हिंसा का शिकार हो रहे थे, जिन्हें बचाकर यहां लाया गया है।
कार से चलते थे यह चोर, मकान का नम्बर नोट करके करते थे चोरी
मथुरा की रहने वाली दयालु महिलाएं इन हाथियों के लिए स्वेटर बुन रही हैं, ताकि उन्हें सर्दी से बचाया जा सके। जल्द ही इनकी नई दोस्त लक्ष्मी यहां आने वाली है, जिसे मुंबई से बचाया गया है। उसका मालिक उसे स्ट्रीट फूड, जंक फूड, बचा हुआ बासी खाना खिलाया, जिससे वह मोटापा का शिकार हो गई।
उसके लिए चलना-फिरना तो दूर, आंखे खोलना भी मुश्किल हो गया था। केंद्र के संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि हाथियों को क्रूर संचालकों से बचाया गया है, जो लंबे समय से हाथियों की उपेक्षा कर रहे थे। उनके साथ अक्सर मारपीट की जाती थी और खराब खाना दिया जाता था।
उन्होंने कहा कि हम इन हाथियों को गरिमामय जीवन और सुरक्षा देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके साथ ही हाथियों को बेहतर इलाज और देखभाल मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि एक हाथी को जरूरी चिकित्सा सेवा, पोषणयुक्त आहार और देखभाल के लिए करीब 80 हजार रुपए महीने का खर्चा आता है।
यदि वे और हाथियों को बचाने की अपनी योजना में कामयाब हो जाते हैं, तो अगले साल उन्हें अतिरिक्त कंबल बुनने वालों की जरूरत होगी। फिलहाल कार्तिक के पास जो हाथी हैं, उनमें से अधिकांश की आंखें खराब हैं। दरअसल, उनके हैंडलर्स ने लोहे की राड और हुक से उनके सिर पर मारते हैं, जिससे उनकी आंखों में चोट लग जाती है।