जेएनएन, जंडियाला गुरु (अमृतसर)। क्षेत्र की लुप्त हो रही पीतल के बर्तनों की कला यानी ठठियारा कला को यूनाइटेड नेशन एजुकेशनल साइंटीफिक एंड कल्चर आर्गेनाइजेशन (यूनेस्को ) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित करने की घोषणा की है। इस कला को पहले ही यूनेस्को की ओर से हेरीटेज का दर्ज मिल चुका है।
पर्यटन, सांस्कृतिक व पुरातत्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने ‘पंजाब ठठेरा आर्ट लिगेसी—पीतल’ कार्यक्रम के दौरान इस आशय की जानकारी दी। मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में पहुंचे सिद्धू ने कहा कि मानवीय जरूरतों को पूरा करने वाली पीतल के बर्तन बनाने की इस ठठियारा कला को यूनेस्को की घोषणा से नई शक्ति मिलेगी। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जंडियाला गुरु के ठठियारों द्वारा तैयार किए जाने वाले बर्तनों की पहचान बनेगी। यही नहीं इसका आर्थिक लाभ भी इस कला से जुड़े लोगों को मिलेगा
उन्होंने कहा कि देश में जंडियाला गुरु ही ऐसा कस्बा है, जहां की स्थानीय कला को यूनेस्को ने मान्यता दी है और उसे अब आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है। सिद्धू ने कहा कि ठठियारों की आर्थिक सहायता के लिए अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में एक फंड विकसित किया जाएगा और पंजाब सरकार हर साल इस फंड में 10 लाख रुपये की योगदान देगी।
उन्होंने कहा कि ठठियारों के बर्तनों को बेचने के लिए अमृतसर में किला गोबिंदगढ़ और टाउन हॉल स्थित पार्टिशन म्यूजियम में एक-एक दुकान खोली जाएगी। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कला को बढ़ावा देने को दुबई में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय मेले ग्लोबल फेस्टिवल में इनकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। कार्यक्रम के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने जंडियाला गुरु के सीवर लाइन का प्रोजेक्ट पूरा करने को तीन करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की।
कार्यक्रम में विधायक सुखविंदर सिंह डैनी बंडाला, दीपा साही, प्रमुख सचिव विकास प्रताप, विशेष सचिव शिवदुलार ङ्क्षसह ढिल्लों, डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ङ्क्षसह संघा, एसडीएम विकास हीरा, नितिन सिंगला आदि मौजूद थे।