29 अप्रैल, 2017…हाँ, तो मैंने पूछा, “शनि के उपाय हमें फलते कैसे हैं?”
“श्रीगुरु जी बोले, “चलिए , बताइये शनि के लिए क्या उपाय हैं…, पीपल के पेड़ की पूजा, व्यवस्थित रहना, या मंत्रजाप करना। अब इन उपायों से शनि ग्रह को relate करिये … शनि एक शुष्क ग्रह है तो शनि से प्रभावित व्यक्ति Depression, anger,
frustration का शिकार होगा । अब depression, anger, कैसे दूर होता है …जब brain aur body को पर्याप्त मात्रा में oxygen मिलता है। peepal का पेड़ क्यों पूजनीय है… क्योंकि ये पेड़ 24 घंटे oxygen देता है…।”
” ओहो !अब लोग करें पीपल की पूजा, तो उसे इसलिए धर्म से जोड़ दिया गया होगा और पूजा का मतलब… दीपक जलाना हमने खुद से जोड़ लिया – पर दुःख की बात पीपल के पेड़ के पास न बैठ कर, तेल बहाकर, दीपक जलाकर चले आते हैं , तो oxygen वाली requirement ठीक से पूरी होती नही।” मैं बीच में कूद पड़ी।
“हाँ- और नहीं तो क्या… “, ये बोले, ” अब नीलम इसलिए पहनते हैं क्योंकि शनि नीला प्रकाश देता है ”
“अच्छा, बिल्कुल prism की तरह नीलम saturn की radiations absorb कर लेता होगा ….”, मैं फिर बीच में कूद पड़ी, “…और ये व्यवस्थित होने वाला क्या उपाय है”- मैंने पूछा।
यह एक सूत्र बता रहा हूँ…. जब भी frustration, depression हो, लगे कि हाथ से सब फिसल रहा है, सब गड़बड़ हो रही है, तो अपने आपको, अपने वस्त्रों को, अपने घर को ,सुंदर-व्यवस्थित करना शुरू करो, फटा-पुराना सब हटा दो….”ये बोल ही रहे थे कि मैं फिर बोल पड़ी , ” हाँ , फिर अंदर से यह feel आने लगता है कि कुछ चीजें तो कम से कम मेरे हाथ में आ रही हैं, मन प्रसन्न हो जाता है …और मंत्रो wala angle मुझे पता है,” – मैं चहकते हुए बोली।
“अच्छा बताइये?” – ये बोले।
“मंत्रों की अपनी ऊर्जा होती है जब हम नाद स्वर से, सही उच्चारण से, पूर्ण एकाग्रता से, मंत्र जप करते हैं तो हमारे जाप से उत्पन्न ऊर्जा, हमारे कष्टों से लड़ने के लिए हमें बल देती है, बाकी चालीसा इत्यादि भजन का एक हिस्सा अवश्य हो सकते हैं पर असल काम तो मंत्रोच्चार करते हैं।” मैंने confidence से जवाब दिया।
इन्होंने प्रशंसा में मेरी ओर मुस्कुरा कर देखा और मैं झट से बोली, “अरे ! ये सब आप से ही सुना है पर हाँ,..I am a sharp student. ”
ये फिर मुस्कुरा दिए।