भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक दिन पहले 2019 लोकसभा चुनाव के लिए जैसे ही पिछले चुनाव में हारी हुई सीटों का जिक्र किया, वैसे ही कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की एक मात्र सीट कन्नौज को लेकर चर्चा तेज हो गई।
BJP से बड़ रही नजदीकियों की बात को झूठा साबित करेंगे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष…
राष्ट्रीय स्तर पर इस सीट को लेकर बनाई जा रही रणनीति में यहां की क्षेत्रीय इकाई को सीधे जोड़ा गया है। पिछली बार मात्र 20 हजार वोट से इस सीट पर भाजपा को हार मिली थी। इस बार समाजवादी पार्टी के धुरंधर नेताओं मुलायम सिंह और शिवपाल यादव से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश के आपसी रिश्ते ठीक नहीं होने की वजह से भाजपा कन्नौज पर अपनी जीत पक्की मानकर चल रही है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष की हिट लिस्ट में लोकसभा की जिन सीटों पर इस बार किसी भी सूरत में जीत हासिल करनी है, उसमें राहुल गांधी की अमेठी, सोनिया गांधी की रायबरेली के साथ डिंपल यादव की कन्नौज सीट को भी शामिल किया गया है।
चक्रव्यूह का अंतिम द्वार कन्नौज
भाजपा कन्नौज को चक्रव्यूह का अंतिम द्वार मानकर चल रही है, जिसे इस बार तोड़ना जरूरी है। बताया जा रहा है कि जल्द ही राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम भी कन्नौज के लिए लगने शुरू हो जाएंगे। इस बीच कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र इकाई के पदाधिकारियों को भी कन्नौज में लगातार बैठकें और संपर्क अभियान शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। क्षेत्रीय महामंत्री संगठन ओमप्रकाश का कहना है कि क्षेत्र की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतना इस बार पार्टी का लक्ष्य है। क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने बताया कि पिछली बार जो भी कमियां रह गई थीं, उन्हें दूर किया जा रहा है।
2019 तक हर हाल में जीतने का है लक्ष्य
यह सीट पार्टी के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ी है, इसलिए अभी से यहां पार्टी गतिविधियों को तेज कर रही है। शिवपाल का संगठन भी कर सकता है सहायता कन्नौज की सीट जीतने के लिए भाजपा शिवपाल यादव की सपा से नाराजगी का फायदा उठा सकती है।
मुलायम, शिवपाल की नाराजगी का फायदा उठाने की जुगत में पार्टी
चर्चा है कि इस सीट पर किन-किन लोगों को जोड़कर जीत हासिल की जा सकती है, उसमें शिवपाल यादव और उनसे जुड़े हुए लोगों से भाजपा को सहायता मिल सकती है। फिलहाल पार्टी अपने दम पर इस सीट को जीतने की बात कर रही है। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की इन सीटों पर भाजपा का कब्जा कानपुर नगर, अकबरपुर रनिया, इटावा, फर्रु खाबाद, कन्नौज, हमीरपुर, गरौठा जालौन, झांसी ललितपुर, बांदा चित्रकूट, फतेहपुर। इसके अलावा मिश्रिक लोकसभा क्षेत्र में सिर्फ बिल्हौर विधानसभा का कुछ हिस्सा आता है।