बीएस-4 (BS-IV) वाहनों की बिक्री से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन FADA को फटकार लगाई है. वाहनों की ब्रिकी से जुड़ा हलफनामा पेश न करने पर कोर्ट ने ये फटकार लगाई है. दरअसल, बीएस-4 वाहन बेचने की डेडलाइन 31 मार्च रखी गई थी, लेकिन बाद में FADA की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिन की मोहलत दे दी थी.
सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1.05 लाख बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब लगता है कि 2.55 लाख वाहन बेचे गए हैं.
सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने एसोसिएशन के वकील से पूछा कि आपका हलफनामा कहां है? जस्टिस मिश्रा ने ये भी कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट के साथ गेम नहीं खेल सकते. इसके अलावा जस्टिस मिश्रा ने एसोसिएशन के वकील से पूछा कि आपने मई में दूसरा हलफनामा क्यों नहीं दायर किया, अब जून आ गया है.
कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए FADA से कहा है कि शुक्रवार तक वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की पूरी डिटेल्स जमा कराएं. इसके साथ ही कोर्ट ने सड़क एवं परिवहन मंत्रालय व अन्यों को भी 27 मार्च के आदेश के बाद बेचे गए और पंजीकृत बीएस-4 वाहनों का विवरण देने के लिए कहा है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी. लेकिन डीलरों के पास बड़ी संख्या में BS-4 टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर का मौजूद था. लिहाजा FADA ने सुप्रीम कोर्ट से बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग की थी.
FADA की याचिका पर सुनवाई करते हुए 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने दस दिन की मोहलत के साथ सिर्फ 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को बेचने की परमिशन दी थी. अब कोर्ट ने कहा कि लगता है ज्यादा वाहन बेच लिए गए हैं. इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए शुक्रवार तक डीलर एसोसिएशन से हलफनामा पेश करने के लिए कहा है.