डीयू की ओर से डूसू चुनाव को लेकर सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। मुख्य चुनाव अधिकारी की ओर से जारी इस अधिसूचना के तहत उम्मीदवारों को लिंगदोह समिति की सिफारिशों में दिए गए प्रावधान और नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव के दौरान नाम और मतपत्र संख्या वाले बैनर व पोस्टर लगाना उम्मीदवारों को महंगा पड़ सकता है। दरअसल प्रत्याशियों को नाम और मतपत्र संख्या वाले बैनर व पोस्टर 24 घंटे के भीतर हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार प्रचार में मुद्रित पोस्टर व बैनर का प्रयोग प्रतिबंधित है जबकि कैंपस की की दीवारें पोस्टर से पटी पड़ी हैं और जगह-जगह होर्डिंग्स लगे हैं।
डीयू की ओर से डूसू चुनाव को लेकर सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। मुख्य चुनाव अधिकारी की ओर से जारी इस अधिसूचना के तहत उम्मीदवारों को लिंगदोह समिति की सिफारिशों में दिए गए प्रावधान और नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है। उम्मीदवारों को ई-मेल के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि मेल की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर अपने नाम और मतपत्र संख्या वाले बैनर और मुद्रित पोस्टर हटाए जाएं अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत उम्मीदवार को न केवल अयोग्य करार किया जा सकता है बल्कि उसके खिलाफ आपराधिक दंड भी लगाया जा सकता है।
मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो सत्यपाल सिंह ने कहा कि डूसू चुनाव कार्यालय द्वारा बैनर, पोस्टर के प्रदर्शन और विभिन्न उम्मीदवारों द्वारा रैलियों और प्रचार के अन्य तरीकों में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों की संख्या पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि ये लिंगदोह समिति की सिफारिशों में दी गई सीमाओं के भीतर ही होने चाहिए।
डूसू चुनाव 2024-25 के सभी प्रत्याशियों को आचार संहिता, लिंगदोह समिति के दिशा-निर्देशों, एनजीटी के आदेश, दिल्ली संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम और उससे जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों के लिए अधिनियम का डूसू चुनावों में कड़ाई से पालन करने की सलाह दी गई है।
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