इन्हीं परिवारों में करांची के मोहब्बत असगर का भी परिवार था, जो कि पाकिस्तान से मोहब्बत की दुआएं लेकर अपने रिश्तेदारी में दिल्ली जा रहा था। इस परिवार में शामिल जुबैदा का निकाह दिल्ली में तय है लेकिन वीजा न मिलने के चलते सगाई नहीं हो सकी है। इत्तफाक से वेलेंटाइन डे के दिन भारत आने वाली जुबैदा बहुत खुश है। कहती है कि वेलेंटाइन डे पर शौहर से मिलने का ख्वाब तो हर कोई देखता है लेकिन जिस तरह मेरा यह ख्वाब इत्तफाक ने पूरा कर दिया, मैं बहुत खुश हूं। जुबैदा की अम्मी नरगिस दिल्ली की है। नरगिस ने ही अपनी छोटी बहन के लड़के यूनुस के लिए जुबैदा का रिश्ता फोन पर तय कर लिया था। सबसे बड़ी बात है कि निकाह की रस्में निभाने के लिए जुबैदा व यूनुस के परिवार को एक-दूसरे देशों का वीजा की जरूरत है। वीजा मिलने के बाद ही निकाह की तैयारियां होनी थी। लेकिन वीजा यूनुस के बजाए जुबैदा को मिला। ऐसे में निकाह के पहले जो रस्में हैं, वह दिल्ली में पूरी होने के बाद यूनुस निकाह करने के लिए पाकिस्तान जाएगा।
जुबैदा की उम्र 23 वर्ष है। करांची में जुबैदा एक प्राइवेट कंपनी में अकाउंट का काम करती है। वह कहती हैं कि मेरे खाला (मौसी) का बेटा यूनुस दिल्ली के दरियागंज में रहता है। सगाई होनी है। डेढ़ वर्ष बाद वीजा मिला है। हालांकि रिश्तेदारी है, ऐसे में बातचीत होती ही रहती है। यह संयोग ही था कि कल 14 फरवरी है और वेलेंटाइन डे है।पंजाब की चुनावी अरेबियन नाइट्स, सोशल मीडिया पर ऑडियो-विजुअल प्रचार
खुश हूं कि कल मैं अपने होने वाले शौहर को वेलेंटाइन का गिफ्ट दूंगी, जो मैं उनके लिए पाकिस्तान से लाई हूं। पहले क्यों नही आई भारत इसके जवाब में जुबैदा ने कहा कि सर! हद हो गई, डेढ़ वर्ष बाद तो वीजा मिला है। पाकिस्तान से अमेरिका जाना आसान है लेकिन भारत आना आसान नही है, वीजा के लिए चक्कर काटते-काटते जूती घिस जाती है।