गुरुवार के कारोबार में रुपये ने डॉलर के मुकाबले 72 का आंकड़ा पार कर लिया। दोपहर 1 बजकर 06 मिनट पर रुपया डॉलर के मुकाबले 72.04 पर कारोबार करता देखा गया। आपको बता दें कि बीते दिन रुपये ने डॉलर के मुकाबले 71.95 का स्तर छू लिया था। वहीं विशेषज्ञ मानते हैं कि सितंबर तिमाही में रुपया 74 का आंकड़ा छू सकता है।
क्या कहते है विशेषज्ञ?
केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि रुपये की स्थिति अभी भी चिंताजनक है। अगर सितंबर तिमाही की बात करें तो रुपया 73.67 से 74 की रेंज में कारोबार करता नजर आ सकता है। वहीं अगर साल 2018 की बात करें तो रुपया 75 का स्तर भी छू सकता है।
रुपये में गिरावट के बड़े कारण: कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च हेड डॉ रवि सिंह ने बताया कि रुपये में गिरावट के प्रमुख कारण निम्न हैं..
- चीन और अमेरिका के बीच जारी ट्रेड वॉर से डॉलर मजबूत हो रहा है जो कि सीधे तौर पर रुपये पर असर डाल रहा है।
- आरबीआई अभी तक करीब 22 बिलियन डॉलर का फॉरेक्स रिजर्व का इस्तेमाल कर चुका है ताकि रुपये की स्थिति संभले लेकिन हालात अभी नहीं सुधरे हैं।
- स्टॉक मार्केट में भी तेजी जारी है जिससे एफआईआई प्रॉफिट बुकिंग कर रहे हैं और बाजार से डॉलर खींच रहे हैं।
- क्रूड की बढ़ती कीमतें भी रुपये की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं।
रुपये का कमजोर होना सीधे तौर पर आम आदमी से सरोकार रखता है क्योंकि इससे आम आदमी को 4 बड़े नुकसान होते हैं। रुपये के कमजोर से होते हैं ये 4 नुकसान…
महंगा होगा विदेश घूमना: रुपये के कमजोर होने से अब विदेश की यात्रा आपको थोड़ी महंगी पड़ेगी क्योंकि आपको डॉलर का भुगतान करने के लिए ज्यादा भारतीय रुपये खर्च करने होंगे। फर्ज कीजिए अगर आप न्यूयॉर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डॉलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी महंगी: अगर आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है तो अब यह भी महंगा हो जाएगा। अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े ज्यादा पैसे भेजने होंगे। यानी अगर डॉलर मजबूत है तो आपको ज्यादा रुपये भेजने होंगे। तो इस तरह से विदेश में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई भारतीय अभिभावकों को परेशान कर सकती है।