-आंबेडकर ने ‘द इवोल्यूशन ऑफ फाइनेंस इंडियन रुपी’, ‘नेशनल डेवलपमेंट ऑफ इंडिया ए हिस्टोरिकल एंड एनालेटिकल’ और ‘प्रॉब्लम ऑफ रूपीज एंड करेंसी इन इंडिया’ जैसी महत्वपूर्ण थ्योरियां लिखीं
-जब 1934 में हिल्टन कमीशन भारत में आया तो बाबा साहब की थ्योरी ‘प्रॉब्लम ऑफ रूपीज एंड करेंसी इन इंडिया’ के आधार पर देश में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की स्थापना हुई
-शोषित वर्ग के हक के लिए 1929 में डॉ. आंबेडकर ने साइमन कमीशन का समर्थन करने से भी नहीं पीछे हटे. 1930 में उन्होंने दलितों के मंदिर में प्रवेश को नासिक में आन्दोलन किया.
-डॉ. आंबेडकर ने ‘अछूत कौन और कैसे?’, ‘कांग्रेस और गांधी ने अछूतों के लिए क्या किया’ किताब में उन्होंने दलितों के प्रति कांग्रेस और गांधी के दोहरे रवैए को व्यक्त किया है, तो वहीं ‘हू आर शूद्राज्’ बुक में उन्होंने दलितों को शूद्रों से अलग बताया है.
-इनके पास कुल 32 डिग्रियां थीं. साल 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था.
-14 अक्टूबर 1956 को डॉ. आंबेडकर ने नागपुर की दीक्षा भूमि में अपने 10 लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली. इसी साल डॉक्टर आंबेडकर ने ‘बुद्धा एंड हिज’ धम्म लिखी. जीवन के आखिरी समय भी आंबेडकर समाज के हित की दिशा में काम करते रहे.
-उनकी आखिरी पुस्तक ‘बुद्धा और कार्लमास्क’ थी. इस किताब को उन्होंने अपनी मृत्य के 4 दिन पहले ही पूरा किया. 6 दिसंबर 1956 को बाबा साहेब पंचतत्व में विलीन हो गए.
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