भारत और चीन दोनों ने डोकलाम विवाद को हल कर लिया है, लेकिन चीनी सैनिक इससे खुश नहीं है। डोकलाम एपिसोड पर भारत के खिलाफ मिलिट्री एक्शन की मांग करने वाले सैनिकों से चीनी सरकार नाराज है। यह बयान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के मेजर जनरल का है।
चीनी सेना में शी जिनपिंग के करीबियों को मिल सकती है बड़ी भूमिका….
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के मेजर जनरल ने अपने एक लेख में कहा कि भारत विरोधी टिप्पणी कर रहे लोगों को चीन की रणनीतिक स्थित की समझ नहीं है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में चीनी आर्मी के रणनीतिकार मेजर जनरल कियाओ लिआंग ने लिखा कि भारत और चीन दोनों पड़ोसी और प्रतिद्वंदी है, लेकिन सभी प्रतिद्वंदी से दुश्मन की तरह नहीं देखा जा सकता है।
पीएलए के वरिष्ठ अधिकारी होने के कारण उन्हें चीनी सत्ता के करीब माना जाता है और ऐसा भी कहा जा सकता है कि वह चीनी सरकार के इशारों पर ऐसा बोल रहे हैं। गौरतलब है कि चीनी सरकार पर भारत के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर दबाव है। चीनी सैनिक, अपनी सरकार से इस बात को लेकर नाराज हैं कि सरकार ने डोकलाम विवाद पर भारत के खिलाफ कार्रवाई न करके समझौता क्यों किया।
सुलझ गया डोकलाम विवाद
बता दें कि भारत और चीन के बीच करीब ढाई महीने से तनाव का कारण बना डोकलाम विवाद आखिरकार सुलझ चुका है। जबरदस्त कूटनीतिक तनातनी के बाद दोनों देश सिक्किम सेक्टर के विवादित डोकलाम क्षेत्र से अपनी-अपनी सेनाओं को एक साथ हटाने का फैसला किया था।
चीन पर भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत
यह सहमति ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन जाने वाले थे। इसे चीन पर भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल भारत जहां लगातार विवादित क्षेत्र से सेना हटाने के बाद कूटनीतिक बातचीत के जरिए विवाद का हल निकालने पर जोर दे रहा था, वहीं चीन की ओर से भारत को लगातार युद्ध की धमकियां मिल रही थी।
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