
दरअसल, निचली अदालतों ने बैन को इसलिए खारिज किया था क्योंकि इसे मुस्लिम विरोधी माना जा रहा था और इस ट्रंप की नीति भी करार दिया गया था। बता दें कि, डोनल्ड ट्रंप ने जनवरी 2017 में पदभार संभालते ही नई ट्रैवल पॉलिसी लागू की थी और एक्जीक्यूटिव ऑर्डर नंबर 13769 पर दस्तखत किए थे, जिसे अमेरिका में विदेशी आतंकियों के एंट्री रोकने वाला आदेश कहा गया था।
इस आदेश पर अमेरिका की निचली अदालतों ने 6 मार्च को रोक लगा दी थी, छह देशों के नागरिकों को अमेरिका में घुसने से रोक दिया गया था। बता दें कि इससे पहले भी अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को राहत देते हुए ट्रंप प्रशासन की शरणार्थियों को लेकर प्रतिबंध की नीति यथास्थिति बनाए रखने की अनुमति दे दी थी।
वहीं निचली अदालत ने अपने फैसले में शरणार्थियों को ढील देते हुए अक्टूबर से पहले अमेरिका में प्रवेश करने वाले 24,000 शरणार्थियों को रहने की अनुमति दी थी। विदेशों से आतंकवादियों की देश में एंट्री न हो पाए इसी के चलते ट्रंप सरकार ने यह फैसला लिया था।
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