अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट करके कहा है कि फेसबुक हमेशा से एंटी ट्रंप रहा है. इस ट्वीट के कुछ घंटे बाद ही फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग का फेसबुक पोस्ट भी आया. इस पोस्ट में उन्होंने ट्रंप के उस ट्वीट का जवाब दिया है जिसमें कहा गया है कि फेसबुक हमेशा से डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ रहा है.
दरअसल ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है, ‘फेसबुक हमेशा से ही एंटी ट्रंप रहा है. नेटवर्क हमेशा से एंटी ट्रंप रहे हैं, ऐसे ही न्यू यॉर्क टाइम्स की फेक न्यूज (जिसके लिए माफी मांगी गई) और वॉशिंगटन पोस्ट भी एंटी ट्रंप रहे हैं. क्या ये मिलीभगत है?
उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘लेकिन यहां के लोग प्रो ट्रंप हैं. हमने जो पहले 9 महीने में हासिल किया है वो वर्चुअली किसी भी प्रेसिडेंट ने नहीं किया है. इकोनोमी को नई उछाल मिल रही है’
फेसबुक के सह संस्थापक और सीईओ मार्क जकरबर्ग ने अपने पोस्ट में कहा है, ‘ मैं प्रेसिडेंट ट्रंप के उस ट्वीट का जवाब देना चाहता हूं, जो उन्होंने सुबह में किया है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि फेसबुक हमेशा से उनके खिलाफ रहा है’
मार्क जकरबर्ग ने कहा है, ‘मैं हर दिन लोगों को साथ लाने और सभी के लिए एक कम्यूनिटी तैयार करने का काम करता हैं. हम चाहते हैं कि सभी को एक आवाज दी जाए और एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जाए जहां सभी को अपनी बात रखने की आजादी हो’.
उन्होंने ट्रंप के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा है, ‘ट्रंप कहते हैं फेसबुक उनके खिलाफ है. लिबरल कहते हैं हमने ट्रंप की मदद की है. अपने पसंद का कॉन्टेंट और आईडिया न पा कर दोनों तरफ के ही लोग खफा हैं.’
मार्क जकरबर्ग ने कुछ फैक्ट्स बताए हैं और कहा है कि इसके जरिए अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2016 के इलेक्शन में फेसबुक ने अहम रोल निभाया था, लेकिन ये वैसा रोल नहीं था जैसा ज्यादातर लोग कह रहे हैं’
मार्क जकरबर्ग ने रखे हैं ये फैक्ट्स
– इस इलेक्शन में हर बार से ज्यादा लोगों ने फेसबुक पर अपनी बात रखी. इलेक्शन के मुद्दों पर अरबों डिस्कशन हुई जो शायद ऑफलाइन हो ही नहीं सकती थी. जिस टॉपिक को मीडिया ने कवर नहीं किया वो भी डिस्कस किया गया.
– यह पहला अमेरिकी इलेक्शन था जिसमें कैंडिडेट के कम्यूनिकेशन के लिए इंटरनेट ने प्राथमिक रोल निभाया है. सभी कैंडिडेट का फेसबुक पेज बनाया गया जिसके जरिए रोजना वो लाखों फॉलोअर्स से इंटरऐक्ट करते रहे.
– इलेक्शन कैंपेन के दौरान खूब ऑनलाइन विज्ञापन चलाए गए जिनमें उनके दवारा संदेश दिए गए.
– हमने गेट आउट द वोट की शुरुआत की जिसने लगभग 20 लाख लोगों को वोट देने में मदद की है. अगर इसे दूसरी तरह से देखें तो यह ट्रंप और क्लिंटन दोनों के कैंपेन को मिलाकर गेट आउट द वोट कैंपेन बड़ा था. यह एक बड़ी बात है.
मार्क जकरबर्ग ने कहा है कि वो आगे भी लोगों के लिए कम्यूनिटी बनाने का काम करेंगे और वैसी गलत जानकारियों से देश को बचाने में अपना पार्ट निभाएंगे जो इलेक्शन को प्रभावित करते हैं. उनके मुताबिक दुनिया भर में फ्री और फेयर इलेक्शन के लिए काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.