हाल के दिनों में जिस तरह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इंटरनेशनल मीडिया के सामने कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश की है, उसके बाद भारत का मिजाज अब बदला नजर आ रहा है। दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक में भारतीय एनएसए अजीत डोभाल ने इस संगठन के तहत जैश ए मुहम्मद व लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव रखा।
कड़े कदम उठाने की मांग
साथ ही उन्होंने आतंकी फंडिंग करने वाले देशों के खिलाफ एससीओ के तहत कड़े कदम उठाने की मांग भी रखी। डोभाल ने जिस समय यह मांग रखी उस समय उनसे कुछ ही फीट की दूरी पर पाकिस्तान के एनएसए मोईद यूसुफ भी बैठे थे। यूसुफ ने भी कश्मीर और अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत पर परोक्ष तौर पर हमला किया, लेकिन भारतीय एनएसए का अंदाज ज्यादा आक्रामक रहा।
भारत आतंकवाद के खिलाफ
डोभाल ने अपने भाषण में कहा कि भारत हर तरह की आतंकी गतिविधियों के खिलाफ है। भारत की मांग है कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले संगठनों के खिलाफ शीघ्रता से कानूनी कार्रवाई करने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र की तरफ से पारित प्रस्ताव को लागू किया जाना चाहिए ताकि संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जिन लोगों और संगठनों को आतंकी घोषित किया गया है उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई हो सके।
एससीओ के तहत कार्रवाई हो
डोभाल ने सीधे तौर पर पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि जैश व लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ एससीओ के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। वैसे एससीओ की तरफ से उक्त बैठक के बाद जारी बयान में सभी देशों ने आतंकवाद के खिलाफ आपस में सहयोग बढ़ाने पर सहमति दी।
क्षेत्रीय शक्तियां पैदा कर रही अड़चन
बयान के मुताबिक, सभी सदस्य देश अंतररराष्ट्रीय आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ सहयोग करेंगे। बैठक में अफगानिस्तान का मुद्दा सबसे ज्यादा प्राथमिकता से उठा। पाकिस्तानी एनएसए ने अपने भाषण में भारत का नाम लिए बगैर कहा कि अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने की आड़ में कुछ क्षेत्रीय शक्तियां अड़चन पैदा कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान कुछ देशों में सरकारी स्तर पर चलाए जा रहे आतंकवाद का भी विरोध करता है।