पश्चिम बंगाल के कोलकाता में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने 14 वर्षीय लड़की के गले में सेनौ सुइयां निकालीं. अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नादिया जिले के कृष्णनगर की रहने वाली अपारुपा विश्वास के गले में सुइयां फंस गई थी.
उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की एक टीम को गले से सुइयां निकालने में करीब तीन घंटे का वक्त लगा. शुरू में डॉक्टरों की राय थी कि लड़की ने ये सुइयां निगल ली हैं.
भाषा के मुताबिक, एनआरएस के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि बाद में पता चला कि सुइयों को बाहर से गले के अंदर डाला गया है. ऐसा तंत्र मंत्र की वजह से किया गया था.
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जून में मुंबई के डॉक्टरों ने एक बच्ची के गले में फंसे दो इंच के ईयररिंग को 8 दिन बाद बाहर निकाला था. खुशी सोनी नाम की बच्ची कुर्ला में अपने घर में खेलने के दौरान ईयररिंग को निगल गई थी जो उसकी श्वासनली में फंस गया था. उसे कफ हो गया था और सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी. इंफेक्शन के बाद उसे फीवर भी हो गया था. परेल के बीजे वाडिया हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बच्ची के गले से ईयररिंग को बाहर निकाला.
बच्ची को तीन दिनों तक वेंटिलेटर पर भी रखा गया था, लेकिन जब तबीयत और खराब होने लगी तो उसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया गया. उसके बाद नए हॉस्पिटल में भी 3 दिनों तक लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया. जब लड़की बीजे वाडिया हॉस्पिटल लाई गई तब एक्सरे में उसकी श्वासनली में ईयररिंग का पता चला.