तंबाकू कैंसर का प्रमुख कारण तो है ही कोरोना के खिलाफ जंग को भी कमजोर कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार तंबाकू को किसी भी रूप में लेने पर इम्यूनिटी तेजी से घट जाती है। ऐसे वक्त में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से कोरोना आसानी से अपना शिकार बना सकता है। दरअसल, तंबाकू सेवन करने वालों के शरीर में एंटीबॉडी बनना बंद हो जाती है। इसे खाकर थूकने अपने से एरोसॉल के जरिए भी कोरोना संक्रमण का खतरा है। इसीलिए हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर प्रतिबंध लगा दिया। ताजा शोध में यह भी पता चला है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में कैंसर के साथ-साथ कोरोना से जंग जीतने के लिए भी तंबाकू और धूम्रपान छोड़ दें, इससे आपकी सेहत को वरदान मिलेगा।
तंबाकू से 40 तरह के कैंसर का खतरा
टोबैको कंट्रोल सेल के सदस्य व केजीएमयू में रेस्पिरेट्री मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ सूर्यकांत का कहना है कि तंबाकू से 40 तरह के कैंसर समेत 25 अन्य बीमारियों का खतरा होता है। वर्तमान में किशोर व युवा सबसे ज्यादा इसकी चपेट में आ रहे हैं। युवा विज्ञापनों एवं फिल्मी दृश्य को देखकर धूम्रपान के लती हो रहे हैं। तंबाकू सेवन से सबसे ज्यादा मुंह व गले का कैंसर होता है। वहीं, धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों तक करीब 30 फीसद धुंआ पहुंचता है। बाकी करीब 70 फीसद धुंआ आसपास के लोगों को प्रभावित करता है।
मुख कैंसर का बड़ा कारण
केजीएमयू में दंत संकाय के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अमित नागर बताते हैं कि पान, मसाला, गुटखा व खैनी मुख कैंसर के बड़े कारण हैं। इससे निकलने वाला निकोटिन व एल्केलॉयड मुंह के म्यूकोजा में परिवर्तन लाने लगते हैं। वह धीरे-धीरे त्वचा को कड़ा बनाने लगते हैं और त्वचा में सफेद व लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं। मुख का खुलना धीरे-धीरे कम होने लगता है। मिर्च-मसाला नमक इत्यादि खाने में परेशानी महसूस होने लगती है। यह कैंसर की स्थिति होती है। अगर इलाज न कराया जाए तो मुख में घाव पैदा करता है। तब कई बार पूरा जबड़ा ही काटना पड़ जाता है। क्योंकि तब तक हड्डियों तक पहुंच जाता है इसलिए तंबाकू सेवन से बचना चाहिए।
ऐसे बचें
- डॉक्टर से तंबाकू छोड़ने के लिए बात करें।
- सिगरेट, लाइटर, माचिस को खुद को दूर रखें।
- यदि सिगरेट पीने की इच्छा हो तो अपने को किसी और जरूरी काम में व्यस्त रखें।
- गहरी सांस लें और 5 से 10 सेकंड तक रोके रहे ।
- धूम्रपान करने वाले लत छुड़ाने के लिए परिवार जनों का सहयोग ले।
- खुद को किसी न किसी एक्टिविटी में व्यस्त रखें वह मॉर्निंग वॉक और योगाभ्यास नियमित करें।
इसलिए मनाया जाता है दिवस
तंबाकू के खूब प्रभाव को रोकने के लिए प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को तंबाकू के खतरों के प्रति सचेत किया जाता है।
अभी और कढ़ाई की जरूरत
सार्वजनिक स्थलों स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक के लिए केंद्र सरकार ने 2003 में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम को तपा (कोटपा) लागू किया। हालांकि, इसका कड़ाई से पालन कराने की जरूरत है।