तकिया ऐसा होता है जो सुकून की नींद में आपका सहायक होता है, गम में आप इसे सीने से लगा देते है जिससे राहत मिलती है. किन्तु लोग तकिये के रखरखाव पर जरा भी ध्यान नहीं देते है. इस कारण तकिया बीमारी का कारण बन जाता है. कुछ लोग ऐसे भी होते है जो सोने के लिए एक से अधिक तकियो का इस्तेमाल करते है.
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तकिये पर आसानी से धूल मिटटी जम जाते है, यह बैक्टीरया साँस के जरिये शरीर में जाते है. इस कारण अस्थमा की शिकायत भी होती है. साथ ही एलर्जी की समस्या भी हो जाती है. पुराने तकिये का अधिक समय तक प्रयोग करने से गर्दन और पीठ में दर्द हो सकता है.यदि सोते वक्त तकिये से सही तरीके से सर ना मिले तो रीढ़ की हड्डी पर दबाव आ जाता है. इस कारण गर्दन या कमर में दर्द होने लगता है.
हो सके तो मेमोरी फोम तकिया का इस्तेमाल करे यह बहुत आरामदेह होते है. ये लेटने पर सर और गर्दन की शेप बना लेते है. तकिये लम्बे समय तक चलाने के लिए गीले बालो को तकिये पर ना रखे. हो सके तो बेडरूम में डी-ह्यूमिडफायर लाकर रखें. समय समय पर तकिया बदलते रहे और साफ करते रहे.
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