उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को सत्ता में आए एक साल होना वाला है. योगी सरकार क्या आम आदमी की उम्मीद पर खरी नहीं उतर रही है? अफसर जनता की नहीं सुन रहे हैं? जिले की तहसीलों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है? यहां फरियादियों का काम बिना रिश्वत लिए नहीं होता है? आखिर क्या वजह है कि एक सत्ताधारी विधायक को धरना देना पड़ा है.
चाहे वरासत दर्ज करानी हो या फिर तहसील में किसी अन्य तरह का कार्य, सब प्रकार के कार्य में अधिकारी और कर्मचारी बिना रिश्वत लिए काम नहीं करते. यह आरोप आम आदमी ने नहीं, बल्कि योगी सरकार में औराई से भाजपा विधायक दीनानाथ भास्कर ने लगाया है. विधायक का कहना है, “तमाम शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही न होने पर मुझे समर्थकों के साथ औराई तहसील में धरने पर बैठना पड़ा.”
पूर्व मंत्री दीनानाथ भास्कर औराई तहसील में अपने समर्थकों और भाजपा के कई नेताओं के साथ धरने पर बैठे हैं. अगर सत्ताधारी दल का एक विधायक और पार्टी के कई नेता धरने पर बैठे हैं, यह एक गंभीर मसला है. विधायक का आरोप है कि उनके पास क्षेत्र की जनता आकर पिछले कई दिनों से आरोप लगा रही है कि औराई तहसील, ब्लॉक और थाना पूरी तरह भ्रष्टाचार से लिप्त है.
यहां बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं होता. जमीन की नपाई, वरासत दर्ज करना सहित तमाम कार्यो में खुलेआम रुपया लिया जा रहा है.
विधायक का कहना है कि सरकार की मंशा है कि सरकारी दफ्तर भ्रष्टाचार मुक्त हो, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी नहीं सुधर रहे हैं, इसलिए मजबूरन उन्हें धरने पर बैठना पड़ा है.