ताइवान में अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान शनिवार को शुरू हो गया। कुल एक करोड़ 90 लाख लोग इस मतदान में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें 10 लाख मतदाता पहली बार वोटिंग प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे। यह वोटिंग कुल 18,000 मतदान केंद्रों में आयोजित कराई गई है।
चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव
चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं। पूरी दुनिया की नजर फिलहाल इस चुनाव पर टिकी हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले आठ वर्षों में ताइपे पर चीन के हमले की धमकियों ने ताइवान की चिंता बढ़ा दी है। राष्ट्रपति चुनाव में 40 से 49 उम्र के बीच करीब तीन लाख 88 हजार मतदाता वोट देंगे। वहीं 50-59 उम्र के बीच करीब तीन लाख 53 हजार लोग वोट डालने के लिए तैयार हैं। इस बार 20 से 29 उम्र के बीच करीब दो लाख 84 हजार मतदाता अपना वोट डालेंगे।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए तीन मुख्य उम्मीदवार
ताइवान की जनता देश की पहली महिला राष्ट्रपति साई-इंग-वेन के उत्तराधिकारी का चयन करेंगे। बता दें कि साई-इंग-वेन 2016 और 2020 का चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बनी थी। इस बार चुनाव में तीन मुख्य उम्मीदवार- डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) से लाई चिंग-ते, कुमिनटंग (केएमटी) से हू यू इह और ताइवान पीपुल्स पार्टी (टीपीपी) से को वेन जे हैं। चौथे उम्मीदवार के तौर पर एपल के प्रमुख सप्लायर फॉक्सकॉन के संस्थापक अरबपति टेरी गोउ ने पंजीकरण करने की समय सीमा से कुछ ही घंटों पहले अपना नाम वापस ले लिया था।
बता दें कि सबसे पहले केएमटी द्वारा ताइवान पर लगाए गए मार्शल लॉ के तहत शासन किया गया था। साल 1996 में ताइवान में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव हुआ था। इसके बाद से दो पार्टियों केएमटी और डीपीपी के उम्मीदवारों का ही राष्ट्रपति पद पर बोलबाला रहा है। ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव चार वर्षों में एक बार होता है।