पहले कहा जाता था कि गर्मी जीवन देती है और सर्दी मौत। लेकिन जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है बीमारियों का खतरा भी बढ़ते जा रहा है। इस साल तापमान के साथ धूप की तपीश भी बढ़ी है जिसके कारण कई सारी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। सुबह आठ बजे के बाद की चिलचिलाती धूप और तपती गर्मी के बीच रोजाना का बदलता मौसम कई तरह की बीमारियों को न्योता दे रहा है। हर वर्ग के लोग चाहे वो छात्र हों या पेशेवर, बुजुर्ग हों या बच्चे, सभी इन बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।जानिए.. मानसिक रोग सिजोफ्रेनिया के बारे में ये होती है बहुत बड़ी बीमारी…
गर्मी से जुड़ी बीमारियां
जो लोग बाहर धूप में निकल रहे हैं वे इन बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इन दिनों अस्पतालों में जो मरीज आ रहे हैं उनमें लू लगने, हीट स्ट्रोक, डायरिया, बुखार व पेचिश के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अनुसार साल 2015 में पूरे देश में तेज गर्मी (हीट स्ट्रेस) के कारण 2000 लोगों की मौत हुई थी। हीट स्ट्रेस एक ऐसी स्थिति है जिसमें इंसान का शरीर बर्दाश्त करने की सीमा से अधिक गर्म हो जाता है। इस बारे में बताते हुए आइएमए के अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल ने कहा है कि गर्मी में अतिताप (हाइपरथर्मिया) घमौरियां, ऐंठन, एडिमा, तापघात (हीट स्ट्रोक) आदि का खतरा बढ़ जाता है।
मीठा और नमक खाकर ही निकलें
अब गर्मी कितनी भी बढ़ जाए काम पर जाना तो नहीं छोड़ सकते। इसलिए जरूरी है कि घर से बाहर निकलने पर कुछ खाकर ही बार निकलें। फोर्टिज़ हॉस्पीटल की डाइटीशियन, डॉ. सिमरन सैनी का कहना है कि धूप में निकलने से पहले काले नमक और चीनी से बनी हुई शिकंजी या मीठी दही खाकर ही बार निकलें। मीठा खाना जरूरी है क्योंकि अत्यधिक गर्म तापमान में शरीर के तापमान को बनाये रखने के लिए शरीर अत्यधिक एनर्जी का इस्तेमाल करती है औऱ ये एनर्जी हमें मीठे से मिलती है। इसलिए जब हम मीठा खाकर बाहर नहीं निकलते हैं तो शरीर में एनर्जी की कमी हो जाती है जिसके बाद हीट स्ट्रोक जैसे मामले देखने को मिलते हैं।