लगातार 9 साल से चल रहा पॉपुलर टीवी सीरियर ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के राइटर तारक मेहता का निधन हो गया लेकिन शाम को प्रसारित हुए सीरियल में उनके लिए श्रृद्धा के 2 शब्द तक नहीं कहे गए।

माना जा रहा था कि पूरा दिन सीरियल का समय असली तारक मेहता को याद करते हुए जाएगा। हर एपिसोड में लोगों को संवेदनशीलता, प्रेम और सहिष्णुता सिखाने वाला सीरियल इतना निष्ठुर कैसे हो सकता है।
असली तारक मेहता का बुधवार की सुबह निधन हो गया था। वे 87 साल के थे। मेहता ने 80 से ज्यादा किताबें लिखीं। उनका नॉवेल ‘दुनियाने ऊंधा चश्मा’ सबसे ज्यादा मशहूर हुआ। इसी नॉवेल से इन्सपायर होकर बाद में टीवी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ बना। यह सीरियल 9 साल से टेलिकास्ट हो रहा है और सफलता की बुलंदी पर है।
उम्मीद थी कि जब सबटीवी पर तारक मेहता के सीरियल का समय आएगा तो उसमें पूर्व निर्धारित एपिसोड प्रसारित नहीं किया जाएगा बल्कि तारक मेहता को याद किया जाएगा। उनके संस्मरण सुनाए जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
निर्धारित समय पर सीरियल ऐसे शुरू हुआ मानो सबकुछ सामान्य है। फिर उम्मीद थी कि सीरियल के अंत में श्रृद्धांजलि दी जाएगी परंतु ऐसा भी नहीं हुआ। हर रोज की तरह आज का सीरियल भी कल गुदगुदाने का वादा करके समाप्त हो गया।
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