तीन नीतियों में बड़ी बात: चाणक्य ने कहा गुप्त कार्य तो केवल…#tosnews
#tosnews चंद्रगुप्त के गुरू रहे आचार्य चाणक्य की नीतियों से हर व्यक्ति विशेष अवगत है। चाणक्य की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। फिर चाहे वो परिवार से संबंधित हों या फिर कार्य क्षेत्र से संबंधित हों। चाणक्य की नीतियां एक ओर जहां व्यक्ति को प्रेरित करती हैं तो वहीं दूसरी तरफ जीवन को जीने का सही सलीका भी बताती हैं।#tosnews
अगर किसी मनुष्य ने चाणक्य की नीतियों को अपने आप पर उतार लिया तो वह निश्चित ही सफलता को प्राप्त करेगा। कार्य क्षेत्र में सफलता पाने के लिए चाणक्य की नीतियों को जानना बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। जिससे व्यक्ति का जीवन सुखमय व्यतीत हो सके।
चाणक्य की तीन नीतियां – #tosnews
चाणक्य हमेशा किसी काम को करने से पहले अपनी बनाई हुई तीन नीतियों का अनुसरण करते थे। उन्हीं नीतियों में चंद्रगुप्त भी चले तभी उनको सफलता प्राप्त हुई। चाणक्य शुरू से ही कहते हैं कि किसी काम को करने से पहले आप अपने अंत:करण से तीन सवाल जरूर करें। #tosnews
पहला सवाल तो यह कि आप जो कार्य कर रहे हैं वह क्यों कर रहे हैं। दूसरा सवाल ये कि जो कार्य आप कर रहे हैं उसका परिणाम क्या होगा। तीसरा सवाल आपके जहन में ये आना चाहिए कि जो कार्य आप कर रहे हैं क्या आपको उसमें सफलता मिलेगी। #tosnews
पूरी तरह से संतुष्ट होकर ही आपको किसी कार्य को आरंभ करना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इससे आपका बहुमूल्य समय बचेगा और आपकी ऊर्जा भी बचेगी।
चाणक्य की सलाह – #tosnews
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को कभी अपने निजी और गुप्त कार्यों को अन्य दूसरे व्यक्ति से कभी नहीं बताना चाहिए। अपनी किसी बनाई हुई योजना के बारे में आप तभी बताएं जब आप उसमे सफल हो जाएं। अगर आपने अपनी कार्य योजना किसी अन्य से व्यक्त कर दी तो सफलता प्राप्त होने के चांसेंज कम हो जाते हैं। क्योंकि आपके विरोधियों को आपकी योजना पते चलते ही वह आपके मार्ग पर बाधा पहुंचाने की कोशिश करेंगे।#tosnews
चाणक्य कहते हैं कि आपको अपने आप में आत्म विश्वास होना चाहिए और आत्म विश्वास सिर्फ ज्ञान से ही आ सकता है।
चाणक्य के अनुसार, कभी भी भूतकाल को सोचकर अपना वर्तमान बिगाड़ने का प्रयास कभी नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को अपने भविष्य के परिणामों की चिंता करनी चाहिए और इसके लिए आवश्यक है कि अपना वर्तमान अच्छे से संभालें।
मधुर वाणी से बने श्रेष्ठ #tosnews
आचार्य चाणक्य के अनुसार मधुर भाषी व्यक्ति हर व्यक्ति के ह्रदय में जगह बनाकर रखता है। वहीं कुटीर व्यक्ति का कोई सम्मान नहीं करता है। मधुरभाषी व्यक्ति का स्वभाव दर्शाता है और उसे श्रेष्ठ बनाती है। मधुर वाणी शत्रु को भी परास्त करती है। हमेशा धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और देव पूजा और ब्राह्मण की सेवा करना कभी नहीं भूलना चाहिए। यह सारी नीतियां आपको श्रेष्ठ और सम्माननीय बनाती हैं। #tosnews
By: वंदना पांडे