तुम सुधर जाओ, भूमाफिया की मदद करना छोड़ो, नहीं तो मैं तुम्हें जेल भिजवा दूंगा। इतने कड़े शब्दों में कलेक्टर मनीष सिंह ने सहकारिता कार्यालय के सब आडिटर आशीष सेठिया को चेतावनी दी। दरअसल गुरुवार सुबह कलेक्टर अचानक कलेक्टोरेट में मौजूद विभिन्न विभागों में पहुुंचे और यहां पर लापरवाही मिलने चेतावनी दी। वहीं जिला पंजीयक को शौकाज नोटिस देने के साथ उनकी रीडर को संस्पेड कर दिया है।
जानकारी के अनुसार सबसे पहले कलेक्टर तहसीलदारों के कक्षों में पहुंचे। यहां पर तहसीदार सुदीप मीणा, राजेश सोनी, एचएस विश्वकर्मा अपनी सीट पर नहीं थे। इस पर कलेक्टर ने उनके स्टाफ से जानकारी ली। सहकारिता विभाग में पहुंचे कलेक्टर ने यहां पर चल रही लापरवाही और शिकायतों पर सब आडिटर आशीष सेठिया को कड़े शब्दों में चेतावनी दे दी। इस दौरान एमएल गजभिए भी मौजूद थे।
इसके बाद कलेक्टर पंजीयन कार्यालय पहुंचे। यहां पर जिला पंजीयक पीपी शुक्ला के कक्ष में फाइलों का निरीक्षण करते समय उन्हें दायरा पंजी में लापरवाही मिली। इस पर शुक्ला को नोटिस देने के साथ उनकी रीडर गना माहिले को संस्पेड कर दिया गया।
भारी पड़ी लापरवाही
पंजीयक कार्यालय में कलेक्टर को भारी लापरवाही देखने को मिली। यहां पर कम स्टांप ड्यूटी वाले प्रकरणों में कोई कार्रवाई नहीं मिली। इसके अलावा जिन प्रकरणों में वसूली की जानी थी। उनमें कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। वहीं जिन मामलों में सुनवाई हाेना थी। उनमें ब्याज जोड़ना शुरू कर दिया था, जबकि पक्षकार सुनवाई की मांग कर रहे थे। इसी कारण शुक्ला को नोटिस दिया गया है।
हाथों-हाथ लगाया भोपाल फोन
लोकसेवा केन्द्र पहुंचे कलेक्टर ने यहां पर भीड़ देखकर नाराजगी जाहिर की। इस पर यहां की प्रभारी ने उन्हें बताया कि पोर्टल काफी धीमें चल रहा है, जिससे दिक्कत आ रही है। इस पर कलेक्टर ने वहीं से भोपाल फोन लगाकर इस परेशानी को दूर करने के लिए कहा। प्रभारी ने यह भी बताया कि जिले में स्कूल खुलने से इन दिनों विद्यार्थियों के आवेदन ज्यादा संख्या में आ रहे है।
क्या नाम है आपका काम नहीं करती है
कलेक्टर मनीष सिंह जब पंजीयक कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने खुद रजिस्टर देखा। इस दौरान उन्हें रीडर गना माहिले से उनका नाम पूछा और रजिस्टर देखते हुए कहा कि क्या आप काम नहीं करती है। बीते साल का काम भी पेेडिंग है। इसके बाद कलेक्टर ने मोबाइल पर उनका नाम नोट किया। उन्हें संस्पेड करने और शुक्ला को नोटिस देने का बोल कलेक्टर बाहर आ गए।
कलेक्टर के हाथ जोड रो पडी महिला
कलेक्टर जब लोकसेवा केन्द्र में पहुंचे तो यहां खड़े आवेदक उन्हें पहचान ही नहीं पाए। उनके साथ चल रहे सुरक्षाकर्मियों को देख कलेक्टर स्कीम नंबर 78 में रहने वाली एक महिला उन्हें पहचान गई और उनके हाथ जोड़ कर रोते हुए अपना गरीबी रेखा कार्ड बनवाने में मदद करने के लिए कहने लगी। इस पर कलेक्टर ने तत्काल एसडीएम अंशुल खरे के पास भेज दिया।