त्यूणी: लगातार तापमान बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। देहरादून जिले में चकराता वन प्रभाग के देवघार रेंज में त्यूणी के पास शनिवार की शाम जंगल में भीषण आग लग गई। जंगल से सटे चांदनी गांव के चपेट में आने का खतरा देखते हुए ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर वन विभाग और अग्निशमन की टीम आग बुझाने में जुट गई।

करीब डेढ़ सौ से अधिक फलदार पेड़ भी जलकर राख
हालांकि देर रात तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका। उधर, खतरे को देखते हुए ग्रामीण आवश्यक सामान के साथ सुरक्षित स्थान की ओर निकल लिए। ऐसा माना जा रहा है कि बेकाबू हुई जंगल की आग पर काबू पाना किसी तरह संभव नहीं है। आग की चपेट में आने से ग्रामीण बागवानों के करीब डेढ़ सौ से अधिक फलदार पेड़ भी जलकर राख हो गए।
शनिवार शाम को सीमांत त्यूणी तहसील से सटे देवघार रेंज में चीड़ के जंगल में लगी आग से कई ग्रामीण परिवार मुसीबत में आ गए। क्षेत्र में देर शाम तूफान उठने के बाद आग लगी, जिससे विकराल रूप ले ली। देखते ही देखते जंगल चारो तरफ से जलने लगा और लपटे आबादी क्षेत्र को छूने लगीं।
ग्रामीणों में भगदड़
जंगल से सटे चांदनी गांव और आसपास के बस्ती क्षेत्र तक आग के पहुंचने के कारण ग्रामीणों में भगदड़ मच गई। लोग जान बचाने को सुरक्षित स्थान की तलाश में निकल पड़े। आग से फैले धुंए के गुबार से रात में चारों तरफ लपटें ही दिखाई पड़ रही है।
बचाव कार्य में थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह और वन क्षेत्राधिकारी देवघार रेंज त्यूणी हरीश चौहान के नेतृत्व में फायर बिग्रेड की टीम भी पहुंची। टीम ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से आग बुझाने के प्रयास करती रही, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं नुकसान के बारे में पुलिस-प्रशासन व वन विभाग की टीम पता लगा रही है।
इसमें कोटी-कनासर में जंगल से फैली आग की चपेट में आने से स्थानीय बागवान हीरा सिंह राणा, मायाराम नौटियाल व भजन सिंह समेत कुछ अन्य ग्रामीणों के सेब बगीचे जलकर राख हो गए। सेब बगीचों को हुए नुकसान से प्रभावित बागवानों की पूरी मेहनत बेकार चली गई।
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