आशियाना की औरंगाबाद कॉलोनी में छिपे तेंदुए को आखिरकार वन विभाग की टीम जिंदा नहीं पकड़ सकी। तेंदुए की धरपकड़ में में घायल होने के बाद आशियाना थाना प्रभारी ने शनिवार सुबह उसे गोली मार दी। हालांकि, वन विभाग की टीम काफी देर तक इस बात को दबाती रही कि तेंदुआ मरा नहीं है, उसे सिर्फ ट्रैंकुलाइज किया गया है। तेंदुए के शव को जू ले जाया गया है।
वहीं, इससे पहले तेंदुए को न पकड़ पाने से नाराज भीड़ ने रेस्क्यू टीम और पुलिस के साथ-साथ पत्रकारों पर भी पथराव कर दिया। इसमें कई लोगों को चोट आई है। दूसरी ओर आशियाना एसएचओ की बहादुरी से खुश होकर आईजी ने उन्हें 50,000 रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
औरंगाबाद कॉलोनी में गुरुवार को घुसे तेंदुए ने चार लोगों पर हमला कर जख्मी कर दिया था। इसके बाद वन विभाग और लखनऊ जू की रेस्क्यू टीम लगातार उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी। शुक्रवार को सेना, मेट्रो और एलडीए की टीम से भी जाल मांगकर डबल लेयर बैरीकेडिंग की गई लेकिन देर रात तक उसे पकड़ा नहीं जा सका।
शनिवार की सुबह तेंदुआ जाल फाड़कर औरंगाबाद जहांगीर क्षेत्र में जा घुसा। तीन पिंजड़े लगाने के बाद भी वह काबू में नहीं आया। टीम की पूरी व्यवस्था धरी की धरी रह गई। इसके बाद रेस्क्यू टीम खुद का बचाव करती हुई सड़क पर जा खड़ी हुई और हाथ खड़े कर दिए।
टीम ने कहा कि अब जनता के सात-साथ टीम के लोगों की भी जान पर खतरा मंडरा रहा है। बिना पीएसी के ऑपरेशन संभव नहीं है। इससे नाराज जनता ने टीम पर पथराव शुरू कर दिया। पत्रकारों को भी नहीं बख्शा गया। हमले में कई लोग घायल हुए हैं। हालात बिगड़ते देख आशियाना के थाना प्रभारी ने तेंदुए को देखते ही उसे गोली मार दी।