अगर आपको अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी कोई बीमारी है या फिलहाल तो कोई बीमारी नहीं लगा है, लेकिन स्मोकिंग की लत है, तो बता दें आपको गर्मी से होने वाली समस्याओं का खतरा ज्यादा है। तापमान बढ़ने से हवा रूक जाती है, जिसके चलते प्रदूषक तत्व हवा में फंसे रहते है, जो अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं। गर्मी और ह्यूमिडिटी होने पर सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा के मरीजों को उठानी पड़ सकती है। इस मौसम में रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बॉडी का मेटाबॉलिक रेट बढ़ने लगता है। ऐसे में फेफड़ों पर बहुत लोड पड़ता है। बहुत ठंडी या गर्मी से सांस की नलियों में सूजन पैदा हो जाती है। अत्यधिक तापमान में यह नलियां ड्राई होकर सूज जाती हैं, जिससे यह बहुत सेंसिटिव हो जाती हैं। ऐसे में अगर पेशेंट को साथ में हीट स्ट्रोक हो जाए, तो समस्या बढ़ जाती है।
खांसी, बलगम आना, छाती में जकड़न, सांस फूलना अस्थमा के संकेत हो सकते हैं।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features