टीचर बनना चाहते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेश में टीचरों के पांच हजार से अधिक पदों पर नए सिरे से अस्थाई संविदा (अनुबंध) पर नियुक्तियां होंगी।ये भी पढ़े: राज्यपाल ने दिए अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के निर्देश
हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में विभाग ने मंगलवार को इसका शासनादेश जारी कर दिया। भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से सिर्फ आनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे।
भर्ती प्रक्रिया में 5500 गेस्ट टीचरों को कुछ राहत दी गई है। गेस्ट टीचरों को छह माह की संतोषजनक सेवा पर तीन फीसदी एवं एक साल या इससे अधिक की सेवा पर पांच प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा।
उधर, गेस्ट टीचरों ने शासनादेश का विरोध करते हुए अनुबंध के बजाय विभागीय संविदा पर नियुक्ति न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
शासन की ओर से मंगलवार को शैक्षिक सत्र 2017-18 के लिए टीचरों के रिक्त पदों को अस्थाई संविदा के आधार पर भरने का शासनादेश जारी कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव डा.रणवीर सिंह की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक एलटी के पदों पर अस्थाई संविदा के आधार पर चयन किया जाएगा। चयन हाईकोर्ट के 11 अप्रैल 2017 के आदेश के अनुपालन में 11 जून 2017 तक या न्यायालय की ओर से समय-समय पर दिए जाने वाले आदेशों के अधीन किया जाएगा।
दुर्गम और अति दुर्गम में मिलेगी तैनाती
संविदा पर नियुक्ति पाने वाले टीचरों को प्रदेश के दुर्गम और अति दुर्गम स्कूलों में तैनाती मिलेगी। तैनाती काउंसिलिंग के आधार पर मिलेगी। काउंसिलिंग के दौरान अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच होगी और अनुबंध के बाद प्रमाण पत्र जारी करने वाले संस्थानों से इसका सत्यापन कराया जाएगा।
15 हजार रुपये मिलेगा मानदेय
टीचरों को 15 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। वहीं सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर अन्य किसी एक दिन अनुपस्थित होने पर प्रतिदिन छह सौ रुपये की कटौती की जाएगी।
एनआईसी करेगा साफ्टवेयर तैयार
शासनादेश में कहा गया है कि ऑनलाइन आवेदन पत्र एवं मैरिट तैयार करने के लिए एनआईसी से साफ्टवेयर तैयार कराया जाएगा। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को अधिकृत किया गया है। एससी, एसटी और विकलांग अभ्यर्थी से 50 रुपये एवं अन्य अभ्यर्थियों से 100 रुपये आवेदन शुल्क लिया जाएगा।
हाईकोर्ट के आदेश पर तैनाती दी जा रही है
गेस्ट टीचरों को हाईकोर्ट के आदेश पर तैनाती दी जा रही है। काउंसिलिंग के आधार पर इनकी तैनाती होगी, जिन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाएगी उन्हें कही अन्य जगह समायोजित किया जाएगा।
अरविंद पांडे शिक्षा मंत्री
यह शासनादेश गेस्ट टीचरों के भविष्य से खिलवाड़ है। इस तरह के आदेश जारी कर हमें आंदोलन के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसे संशोधित न किया गया तो 20 मई के बाद हम कभी भी आंदोलन के लिए दून की सड़कों पर उतर सकते हैं।