विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडि़या को लेकर विहिप में कुछ दरारें आ गई हैं। पिछले दिनों में लगातार केंद्र सरकार और शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ खुलेआम बयान दे रहे तोगडि़या के पक्ष में विहिप के कुछ नेता भले ही दिख रहे हो, माना जा रहा है कि प्रतिनिधि सभा की अगली बैठक तक तोगडि़या को संगठन के कामकाज से मुक्त कर दिया जाएगा। प्रतिनिधि सभा की बैठक संभवत: मार्च में होगी। गौरतलब है कि तोगडि़या का तेवर संघ से पूरी तरह विपरीत रहा है।
अभी-अभी: BJP अध्यक्ष अमित शाह ने किया बड़ा दावा, 2022 तक विकसित प्रदेशों में अव्वल होगा यूपी
संघ की ओर से लगातार यह संदेश दिया जाता रहा है कि मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है और उसे पूरा मौका दिया जाना चाहिए। वहीं तोगडि़या और बीएमएस के महासचिव बृजेश उपाध्याय खुल कर मोर्चा खोले बैठे रहे। बीएमएस की ओर से कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन की खुली चेतावनी दी गई। कई बार तो असहज करने की स्थिति रही। बताते हैं कि संघ का शीर्ष नेतृत्व इस तरह के तेवर से असहमत है।
संघ प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने हालांकि ऐसी किसी भी अटकल को खारिज किया कि संघ विहिप या बीएमएस में बदलाव करना चाहता है। लेकिन सूत्रो की मानी जाए तो इस बदलाव की कवायद उसी दिन शुरू हो गई थी जब कुछ दिन पहले अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए होने वाला चुनाव टल गया था। उसमें वर्तमान अध्यक्ष राघव रेड्डी को वीएस कोकजे से चुनौती मिली थी। विहिप में ऐसी परंपरा नहीं रही है लेकिन बदलाव को देखते हुए इसकी शुरूआत हुई है। ध्यान रहे कि तोगडि़या रेड्डी समर्थक हैं। बताते हैं कि कोई भी बदलाव चुनावी प्रक्रिया के जरिए ही होगा और अगर रेड्डी गए तो तोगडि़या का भी जाना तय है। बीएमएस में भी बदलाव चुनावी प्रक्रिया के ही जरिए होगा।