हिन्दू धर्म में शुभ-अशुभ का बड़ा महत्व है, हर छोटी-बड़ी चीज किसी न किसी शुभ-अशुभ पर निर्भर करती है। वैसे ही कांच भी ज्योतिषशास्त्र के माध्यम से शुभ-अशुभ पर निर्भर करता है। कांच का टूटना बहुत ही अशुभ माना जाता है और यह आज से नहीं बल्कि आदी काल से ऐसा माना जाते आ रहा है। वहीं अगर हम इसके पीछे की वजह के बारे में बात करें, तो किसी को भी यह नहीं पता की कांच का टूटना असल में अशुभ क्यों माना जाता है? अगर आप भी इसके पीछे की कहानी जानना चाहते हैं, तो यहां पर आज हम आपको इसी से जुड़ी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पढ़ कर आप भी यह जान जाओगे की कांच का टूटना कब से और क्यों अशुभ माना जाने लगा?कहा जाता है कि अगर कांच टूट जाए तो फिर उसे तुरंत बाहर फेंक देना चाहिए, क्योंकि ये अपशकुन होता है। लेकिन इसके पीछे का कारण क्या है? दरअसल भारत में ये बात रोमन साम्राज्य से आयी है। जहाँ पहले के वक्त में रोमन धर्मगुरु हुआ करते थे, जो एक पाठ पढ़ाते थे, कि अगर किसी को अपनी आत्मा को देखना हो तो वो एक ख़ास धातु या फिर पदार्थ होता है, जिसे कांच कहते है। उसमे देखे, तो उसमें जो दिखता है, वो उसकी आत्मा होती है और अगर किसी का कांच टूटता है, तो इसका मतलब है उसकी आत्मा बिखर गयी है, जो उसका भाग्य समेट कर के ऊपर से लाई थी वो भाग्य भी बिखर गया है और अब आने वाले वक्त में जिन्दगी में बिखराव आएगा। और तब से ही इसका टूटना अपशकुन माना जानें लगा।
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