पहले मैच में मिली पराजय के बाद भारतीय टीम के सामने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बने रहने की चुनौती है. शनिवार से सेंचुरियन में शुरू हो रहे ‘करो या मरो’ के दूसरे मुकाबले में विराट ब्रिगेड पिच की उछाल और मेजबान टीम के तेज आक्रमण का सामना करने के लिए तैयार है.
ऐसे में भारतीय टीम प्रबंधन को काफी सोच समझकर फाइनल प्लेइंग इलेवन का चयन करना होगा. शिखर धवन की जगह केएल राहुल का खेलना तय माना जार रहा है. धवन का विदेश में खेले गए 19 टेस्ट में औसत 43.72 है, जो उनके कैरियर की औसत 42. 62 से अधिक है. लेकिन दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में उनके रिकॉर्ड को देखें तो यह 11 टेस्ट में सिर्फ 27. 81 है.
दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट में उनका औसत 18 रहा है और वह एक भी अर्धशतक नहीं बना सके. उनका सर्वोच्च स्कोर यहां 29 रन है, जो उन्होंने 2013.14 में बनाया था. यह आंकड़े उनके लिए भी चिंता का सबब है.
दूसरी ओर राहुल तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बल्लेबाज हैं. रोहित और रहाणे में से एक का चयन भी कठिन है. हालांकि कोहली ने कहा था कि मौजूदा फॉर्म को देखते हुए पहले टेस्ट में रोहित को चुना गया.
रोहित केपटाउन में दो पारियों में 11 और 10 रन ही बना सके, लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि टीम प्रबंधन एक मैच की नाकामी के बाद अपना फैसला बदलेगा.
गेंदबाजी में हार्दिक पंड्या अपनी जगह पक्की कर ही चुके हैं. कोहली को बाकी चार का चयन करना है और इसमें पिच की भूमिका अहम होगी. अगर पिच न्यूलैंड्स की तरह होगी, तो भारत एक स्पिनर को बाहर कर सकता है.
अब देखना यह है कि कोहली तेज गेंदबाजी आक्रमण में क्या बदलाव करते हैं. उमेश यादव ने नेट पर गेंदबाजी और बल्लेबाजी का अभ्यास किया. बीमारी से उबर चुके ईशांत शर्मा भी लय में दिखे, दोनों मिलकर 115 टेस्ट का अनुभव रखते हैं, लेकिन अगर कोहली टीम में बदलाव नहीं करते हैं तो मात्र एक मैच के अनुभव वाले जसप्रीत बुमराह को इन पर तरजीह मिल सकती है.
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