चमोली, [जेएनएन]: सूबे में सत्तासीन भाजपा और विपक्ष कांग्रेस, दोनों की ही प्रतिष्ठा से जुड़ी चमोली जिले की थराली विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए मतदान शांतिपूर्वक चल रहा है। दोपहर 3 बजे तक 40.5 प्रतिशत मतदान हो चुका है। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान सुचारु ठंग से चल रहा है। 
सड़क की मांग को लेकर देवाल क्षेत्र के देवारी गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। यहां के लोग काफी समय से सड़क की मांग कर रहे थे। उन्होंने उप चुनाव में चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दी थी। आज कोई भी ग्रामीण वोट डालने नहीं गया। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
ईवीएम की गड़बड़ी से कुछ देर बाधिक हुआ मतदान
थराली के पार्था व घाट के सरपाणी पोलिंग बूथ में ईबीएम में खराबी के चलते कुछ देर मतदान में व्यवधान आया। मशीन को ठीक करने के बाद ही आगे मतदान सुचारु किया गया।
एक लाख से ज्यादा मतदाता पांच प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। भाजपा के सामने जहां इस सीट को बचाए रखने की चुनौती है, वहीं कांग्रेस के पास जीत के जरिये वापसी का मौका है। यानी दोनों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल है। तय है कि इन दोनों ही दलों के प्रत्याशियों के मध्य आमने-सामने का मुकाबला रहेगा।
भाजपा विधायक मगनलाल शाह के निधन के कारण रिक्त हुई थराली सीट के उपचुनाव के सोमवार को होने वाले मतदान के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यहां कुल 102569 मतदाता है, जिनमें 50991 पुरुष व 49301 महिला और 3277 सर्विस वोटर हैं। ये मतदाता इस सीट पर किस्मत आजमा रहे पांच प्रत्याशियों मुन्नी देवी (भाजपा), प्रो.जीतराम (कांग्रेस), कुंवरराम (भाकपा), कस्बीलाल (उक्रांद) व बीरीराम (निर्दलीय) के भाग्य का फैसला करेंगे।
इस सीट पर बनाए गए 178 मतदेय स्थलों पर सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हो गया। शाम पांच बजे तक मतदान होगा। इन सभी मतदेय स्थलों पर पोलिंग पार्टियों ने मोर्चा संभाल लिया है। ईवीएम मशीनों समेत पर्याप्त स्टाफ व सुरक्षा प्रबंधों का दावा किया गया है।
इस उपचुनाव पर प्रदेशभर की नजरें गड़ी हुई हैं। भाजपा व कांग्रेस के लिए यह किसी बड़ी जंग से कम नहीं है और दोनों ही दलों ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंके रही। दरअसल, भाजपा के सामने इस सीट को बरकरार रखने की चुनौती है।
साथ ही प्रचंड बहुमत से राज्य में सत्तासीन भाजपा सरकार के सवा साल के कामकाज पर भी इसे जनता की मुहर के रूप में देखा जा रहा है।कांग्रेस की बात करें तो उसके लिए यह उपचुनाव वापसी करने के साथ ही साख बचाने से भी जुड़ा है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह मात खाकर सत्ता गंवानी पड़ी थी। ऐसे में यह उपचुनाव कांग्रेस के लिए भी खासा अहम है। कुल मिलाकर इस उपचुनाव में भाजपा व कांग्रेस के मध्य ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features