भारत में थायरॉयड से हर 10 व्यक्तियों में एक जूझता है। इस वक्त भारत में 4 लाख से ज़्यादा लोग थायरॉयड से पीड़ित हैं। हर साल 25 मई को विश्व थायरॉइड दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को इस स्वास्थ्य समस्या के बारे में जागरुक किया जा सके।

थायरॉइड हमारी गर्दन के सामने एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है जो हमारे शरीर में हर कोशिका, ऊतक और अंग को प्रभावित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करती है। यानी शरीर के ठीक तरह से काम करने के लिए यह ग्लैंड महत्वपूर्ण है।
थायरॉयड ग्रंथि कोशिका की मरम्मत और चयापचय को प्रभावित करके हमारे ऊर्जा स्तर और मूड को नियंत्रित करती है। इन हार्मोनों के बिना हाइपोथायरायडिज्म रोगियों को संभावित खतरनाक लक्षणों और जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। जैसे-
– थकान
– मूड में बदलाव
– वज़न का बढ़ना
– बालों का पतला होना
– मांसपेशियों का कमज़ोर होना
– चेहरे पर सूजन आना
– कब्ज़
– रूखी त्वचा
– बढ़ा हुआ LDL
– जोड़ों में दर्द
हाइपो-थायरॉयडिज़्म में क्या खाएं
क्योंकि एक अंडरएक्टिव थायरॉइड चयापचय, पाचन और विकास को प्रभावित करता है। इसलिए शरीर में ऑक्सीडेटिव प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कैलोरी में गिरावट के साथ ठीक आहार लेने की ज़रूरत होती है। मरीजों को ऐसी डाइट चुनने चाहिए जिसमें प्लांट फाइबर की मात्रा ज़्यादा हो। क्योंकि यह पेट को धीरे-धीरे खाली करता है, कम ऊर्जा का इस्तेमाल कर पेट को भरा रखता है और मल त्याग में सहायता करता है।
इसके अलावा प्रोटीन को आहार में पर्याप्त मात्रा में शामिल करना चाहिए क्योंकि ये मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने में मदद करते हैं। विटामिन और खनिजों का सेवन भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
अगर आप हाइपो-थायरॉयडिज़्म से जूझ रहे हैं, तो आप कई तरह की चीज़ों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं:
अंडे: पूरा अंडा ही खाएं, क्योंकि अंडे की ज़र्दी में आयोडीन और सेलेनियम पाया जाता है और सफेद हिस्सा प्रोटीन से भरा होता है।
मीट: हर तरह का मीट अपनी डाइट में शामिल करें, फिर चाहे लैम्ब हो, बफ या चिकन आदि।
फिश: आप हर तरह का सी-फूड खा सकते हैं, जिसमें साल्मन, ट्यूना, श्रिम्प शामिल है।
सब्ज़ियां: हर तरह की सब्ज़ियों का सेवन करें। गोभी, ब्रॉकोली जैसी क्रीसीफेरस सब्ज़ियों को कम खाएं खासतौर से जब पकी हुई हो।
फल: बेरीज़, केले, संतरे, टमाटर आदि सभी फलों को खाएं।
ग्रूटन-फ्री अनाज और बीज: चावल, कुट्टू का आटा कीनुआ, चिया और फ्लैक्स सीड्स।
डेयरी: सभी तरह के डेयरी प्रोडक्ट्स जिसमें दूध, चीज़, दही आदि शामिल है।
ड्रिंक्स: पानी खूब पिएं। साथ ही ऐसी ड्रिंक्स लें जिसमें कैफीन न हो।
जो लोग हाइपो-थायरॉयडिज़्म से जूझ रहे हैं, उन्हें डाइट में सब्ज़ियां, फल और लीन मीट ज़रूर लेना चाहिए। यह सभी चीज़ों में कैलोरी कम होती है और यह आपका पेट भी भर देते हैं। साथ ही आपका वज़न भी नहीं बढ़ाते।
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