कानपुर: देश में बैंकिंग से लेकर मोबाइल व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। पर क्या किसी ने सोचा है कि आधार कार्ड किसी की खुदकुशी की वजह से बन सकता है। जी हां सुनने में अजीब है, पर सच है। कानपुर जनपद में 8 वीं क्लास के एक छात्र ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। परिवार वालों का कहना है कि स्कूल में आधार कार्ड मांगा जा रहा था और छात्रा का आधार कार्ड नहीं बना था। बस इसी वजह से परेशान होकर उसने अपनी जान दे दी।

कानपुर के दादानगर नहरिया के पास कमलेश अपने परिवार के साथ रहता है। बताया जाता है कि उसका सबसे छोटा बेटा 15 वर्षीय सौरभ आठवीं क्लास का छात्र था। गुरुवार की देर रात सौरभ ने अपने घर में ही फांसी लगाकर जान दे दी।
सूचना पाकर मौके पर जब पुलिस पहुंची और छानबीन की तो परिवार वालों ने आत्महत्या के पीछे की जो वजह बतायी वह पुलिस वाले भी सन्न रह गयेक। परिवार का कहना है कि सौरभ से स्कूल में आधार कार्ड मांगा जा रहा थाए लेकिन उसका आधार कार्ड नहीं बन पा रहा था। इसलिए उसने जान दे दी।
सौरभ के भाई बच्चन के मुताबिक स्कूल में उससे आधार कार्ड मांगा जा रहा था। उसने आधार कार्ड के लिए आवेदन किया थाए लेकिन किसी कारणवश उसका आधार कार्ड नहीं बन पा रहा था।
इसे लेकर वह कई दिनों से परेशान चल रहा था। परिवार से जुड़े एक युवक का कहना है कि उसे घर से आधार कार्ड के पैसे मिले थेए लेकिन उसने पैसे खर्च कर दिए थे। इस वजह से वह एक सप्ताह से स्कूल नहीं जा रहा था। घरवालों को इसका पता चला तो उसको घरवालों ने डांट दिया था। इसी वजह से उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
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