कानपुर : दलितों के उत्पीड़न मामले में तत्काल गिरफ्तारी पर लगाई गई रोक के खिलाफ आंदोलन को बहुजन समाज पार्टी ने माइक्रो प्लान बनाया है। इसके तहत पार्टी सड़क पर उतरने के साथ ही दलितों के घर जाएगी और उन्हें यह बताएगी कि भाजपा दलितों की हित रक्षक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका इसलिए दायर की है क्योंकि बसपा ने उस पर दबाव बनाया है।

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2019 में दलित मतों को सपा बसपा गठबंधन के पक्ष में एकजुट करने के लिए बसपा नेतृत्व को यह मुफीद मौका दिख रहा है। यही वजह है कि बसपा और सपा ने दलित मुद्दे पर आंदोलन को बड़े ही सधे और रणनीतिक ढंग से अंजाम दिया। केंद्र सरकार के प्रति दलितों में गुस्सा बना रहे इसलिए अब पार्टी विशेष योजना पर काम कर रही है। पार्टी के नेताओं का दल, वामसेफ के लोग दलित बस्तियों को चुनेंगे।
वहां दलितों के घर- घर जाकर उन्हें बताएंगे कि बसपा ही उनके हित को काम करती है। कुल मिलाकर भाजपा को दलित विरोधी साबित करने का भरपूर प्रयास होगा। बसपा नेताओं के इस कार्य में सपा के कार्यकर्ता मदद करेंगे। दलितों के उत्पीड़न से जुड़े मामलों में पार्टी नेतृत्व जल्द ही कुछ नए आंदोलन चलाने का एलान भी कर सकता है। दलित हितों को लेकर शुरू हुए इस आंदोलन की आग ठंडी न होने पाए इसका भरपूर प्रयास होगा। बसपा अब विधानसभा क्षेत्रों में सेक्टर व वार्ड इकाइयों का गठन करने जा रही है इन इकाइयों में दलित नेताओं को विशेष महत्व दिया जाएगा।