रावण पर भगवान श्री राम की विजय के प्रतीक को विजयादशमी या दशहरा के रूप में भारत समेत पूरी दुनिया में मनाया जाता है. हर कोई यह जानता है कि इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है. हालांकि हम आपको बता दें कि रावण दहन के साथ ही इस दिन और भी कई ख़ास तरह के कार्य किए जाते हैं. तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…
दशहरा पर्व से जुड़ीं कुछ ख़ास बातें…
– इस दिन भगवान राम के साथ ही माता सीता और श्री हनुमान जी की पूजा का भी विधान है.
– साथ ही इस दिन शमी के पेड़ का पूजन भी होता है.
– इस दिन भगवान शिव की आराधना भी की जाती है. ख़ास बात यह है कि शिव जी की आराधना रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्त्रोत से की जाती है.
– देशभर में इस दिन करोड़ों रूपए के फूलों का व्यापर हो जाता है. घर के दरवाजे और खिड़कियों को लोग सुगंधित पुष्पों से सजाते हैं.
– लोग इस दिन अपनी आवश्यकता और स्थिति को देखते हुए सोना-चांदी, वाहन, कपड़े तथा बर्तनों आदि को भी खरीदते हैं.
– सबसे प्रचलित और चर्चित जो परंपरा है वह है इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है. देश के कोने-कोने में रावण दहन किया जाता है. बच्चे, युवा,महिला,बड़े और बुजुर्ग हर वर्ग के लोगों में इसे लेकर प्रसनता देखने को मिलती है.
– इस दिन भारतीय संस्कृति की झलक भी देखने को आसानी से मिल जाती है. दशहरा के दिन श्रीराम-सीता स्वयंवर प्रसंग, हनुमान जी द्वारा लंका दहन कार्यक्रम और रामलीला आदि का आयोजन भी होता है.
– हिन्दू धर्म के लोग इस दिन एक-दूसरे के घर जाकर, गले मिलकर, चरण छूकर अपने से बड़े लोगों का स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. जबकि एक-दूसरे को शमी के पत्ते भी बांटे जाते हैं.
– दशहरा का यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई, रावण पर भगवान श्री राम और अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है.
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