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मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से एक साल पहले अपनी इस यात्रा पर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा है। इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अगले छह माह तक इस यात्रा के दौरान राजनीति पर कुछ नहीं बोलेंगे।
सिंह यह कठिन परिक्रमा शंकराचार्य की सलाह पर कर रहे हैं। नर्मदा की परिक्रमा यात्रा शुरू करने से पहले शुक्रवार शाम को उन्होंने अपने गुरु द्वारका शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद भी लिया।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि सिंह अपनी राजनीतिक छवि को बेहतर बनाने के लिए मास्टर स्ट्रोक के रूप में इस यात्रा की शुरुआत की है। नर्मदा की इस यात्रा के दौरान वह मध्य प्रदेश के 120 विधानसभा क्षेत्रों और गुजरात के 20 विधानसभाओं से होकर गुजरेंगे।