कूरियर में ड्रग्स और दूसरे आपत्तिजनक सामान होने की बात कहकर लोगों से वसूली करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को पूर्वी जिले की साइबर थाना पुलिस ने देश के अलग-अलग राज्यों में छापे मारकर गिरफ्तार किया है।
आरोपियों की पहचान गांव खेड़ी, सांपला, रोहतक निवासी अंश उर्फ अंशु (24), गांव करोर, रोहतक निवासी सम्राट (23), बलिया, यूपी निवासी प्रांजल कुमार साहनी (24), मोरना, मध्य प्रदेश निवासी सत्येंद्र ढाका (29), पनवेल, महाराष्ट्र निवासी वेदांत प्रभाकर नगरकर (26) और दिल्ली निवासी विशाल जोशी (28) के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी ग्रेजुएट हैं।
ज्यादातर ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग का कारोबार करते हैं। विशाल ने डिप्लोमा इंजीनियरिंग की हुई है। वह भी ट्रेडिंग करता है। पुलिस ने अंश के खाते में 38 लाख रुपये से अधिक की रकम फ्रीज की है। अंश के खाते में 29 से 30 अप्रैल के बीच 3.20 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। आरोपियों की गिरफ्तारी से देशभर के 72 मामले सुलझे हैं। पुलिस बाकी साथियों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस उपायुक्त अपूर्वा गुप्ता के अनुसार, वसुंधरा एंक्लेव निवासी दिपांशु वैद्य ने बताया कि 29 अप्रैल को मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉलर ने बताया कि वह फेडेक्स कूरियर की मुंबई ब्रांच से बोल रहा है। उसकी आईडी से एक कूरियर भेजा गया है। कूरियर में कई पासपोर्ट, बैंक कार्ड, कपड़े, लैपटॉप, कैश और ड्रग्स मौजूद है। इसके बाद आरोपियों ने दिपांशु की बात फर्जी साइबर पुलिस के अधिकारियों से करवाई। जेल जाने का डर दिखाकर पीड़ित से करीब ढाई लाख रुपये वसूल लिए गए। ठगे जाने का अहसास होने पर पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। मामले की जांच एसआई नरेश कुमार, तलविंदर सिंह व अन्यों को सौंप दी गई। ठगी की रकम अंश के रोहतक स्थित एक खाते में गई थी। पुलिस ने उसकी पड़ताल की तो पता चला कि एक ही दिन में खाते में 3.20 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।
बैंक खाते की पड़ताल करते हुए पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर अंश और सम्राट को दिल्ली के मयूर विहार से दबोच लिया। दोनों ने बताया कि उनको क्रिप्टो के निवेश में 30 लाख का घाटा हुआ था। इस दौरान प्रांजल साहनी मिला। उसने दोनों को नुकसान पूरा करवाने की बात कही। प्रांजल ने अंश और सम्राट से करंट बैंक अकाउंट का संचालन सौंपने के लिए कहा। दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने प्रांजल को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। प्रांजल ने बताया कि वह और दोस्त आशुतोष उदयपुर गए थे। वहां उन्हें विनय मेवाड़ मिला। उन्होंने अंश के खाते का संचालन उसे सौंप दिया। इसके बदले प्रांजल को 6.24 लाख रुपये कमीशन मिला।
मामले की छानबीन के दौरान पुलिस ने सत्येंद्र ढाका व अन्य आरोपी को दिल्ली के वसंत कुंज से दबोच लिया। सत्येंद्र से पूछताछ के बाद पुलिस महाराष्ट्र के पनवेल पहुंची। वहां से वेदांत प्रभाकर को गिरफ्तार किया गया। वेदांत ने बताया कि वह कुछ चीन के नागरिकों के साथ जुड़ा है। उन्होंने कई टेलीग्राम ग्रुप बनाए हुए हैं। वहां विशाल जोशी खातों की जानकारी विदेशी नागरिकों को देता है। बाद में विदेशी इन खातों का संचालन कर ठगी की रकम को इधर-उधर घुमाकर विदेश ले जाते हैं। बाद में पुलिस ने किराड़ी सुलेमान नगर से विशाल जोशी को भी गिरफ्तार कर लिया।