पक्षियों की हो रही रहस्यमयी मौतों के बीच दिल्ली और महाराष्ट्र ने बर्ड फ्लू की पुष्टि की है। सात अन्य राज्यों – उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात ने पहले हाल ही में हुई पक्षियों की मौतों का कारण एवियन इन्फ्लुएंजा को बताया था। वहीं, मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने रविवार को कहा कि बर्ड फ्लू के प्रसार की निगरानी के लिए गठित केंद्रीय दल देश भर के सात राज्यों में प्रभावित स्थलों का दौरा कर रहे हैं।
बताया गया है कि कृषि संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने देश में पशु टीके की उपलब्धता की जांच करने के लिए पशुपालन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया है। उम्मीद है कि इसको लेकर जल्द बैठक होगी।
दिल्ली ने जीवित पक्षियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है और गाजीपुर के सबसे बड़े थोक पोल्ट्री बाजार को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। दिल्ली के पशुपालन विभाग ने बताया कि दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि मृत कौवों और बत्तखों के आठ नमूनों के परीक्षण के बाद हुई। एवियन फ्लू के लिए सभी नमूनों का परीक्षण सकारात्मक रहा।
महाराष्ट्र में, परभणी जिला कलेक्टर, दीपक मधुकर मुगलिकर ने बताया, राज्य की राजधानी मुंबई से लगभग 500 किमी दूर, उपरिकेंद्र है। ‘लगभग 800 पोल्ट्री पक्षी – सभी मुर्गियां, पिछले दो दिनों में मर गए। उनके नमूने परीक्षण के लिए दिए गए थे। और अब यह पुष्टि की गई है कि इसका कारण बर्ड फ्लू है। उन्होंने आगे कहा कि इसकी पुष्टि मुरुम्बा गांव में हुई है। लगभग आठ पोल्ट्री फार्म और 8,000 पक्षी हैं वहां। हमारे पास उन पोल्ट्री पक्षियों को पालने के आदेश हैं। बता दें कि बर्ड फ्लू की स्थिति की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज शाम एक बैठक करेंगे।
छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, ओडिशा में 12, 369 सैंपल जांचे गए, लेकिन कोई भी बर्ड फ्लू का मामला सामने नहीं आया।
पिछले हफ्ते सरकार ने स्पष्ट किया कि यह बीमारी ‘जोनोटिक’ है लेकिन भारत सरकार ने मनुष्यों में इससे संक्रमण होना का खतरा नहीं बताया। बता दें कि भारत ने एवियन इन्फ्लुएंजा को लेकर सबसे पहले 2006 में जानकारी दी थी। बर्ड फ्लू के वायरस सदियों से दुनिया भर में पाए जाते हैं। केंद्र ने एक बयान में कहा कि पिछली शताब्दी में दर्ज चार ज्ञात प्रमुख प्रकोपों में बर्ड फ्लू भी शामिल।