दिल्ली में 13 से 17 नवंबर तक ऑड-इवन स्कीम लागू होने जा रही है. दिल्ली में ऑड इवन का यह तीसरा चरण होगा. राज्य सरकार ने ये फैसला राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर किया है. बता दें, इस स्कीम को दूनिया के और भी दूसरे देशों में भी लागू किया जा चुका है. पढ़ें अलग-अलग शहरों में इसके क्या प्रभाव रहे.JNU: बिरयानी पकाना छात्रों को पड़ महंगा, ABVP नेता बोले- बीफ बिरयानी थी
बीजिंग: इस स्कीम को 2008 ओलंपिक से पहले इस्तेमाल किया गया था. चीन सरकार की मानें तो इस स्कीम की मदद से बीजिंग में 40 फीसद तक प्रदूषण पर रोक लग पाई थी. हालांकि इस दौरान वहां रोड पॉलिसी में कई बदलाव भी किए गए थे. यहां हर गलत करने वाले पर 200 युयान का जुर्माना था.
पेरिस: फ्रांस की राजधानी पेरिस में यह स्कीम साल 2014 के मार्च में महज एक दिन के लिए लागू किया गया था. इससे पहले यह स्कीम वहां साल 1997 में भी एक दिन के लिए लागू की गई थी. यहां जुर्माने की राशि 22 यूरो थी.
मेक्सिको सिटी: मेक्सिको में यह स्कीम साल 1989 में ही लागू की गई थी. स्कीम के शुरुआती दिनों में प्रदूषण के स्तर में 11 फीसदी कमी देखी गई लेकिन लोगों ने भी इसका काट खोज निकाला और दो कारें खरीद लीं. जिसकी वजह से बाद में प्रदूषण के स्तर में 13 फीसदी बढ़त पाई गई.
बोगोटा: कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में इस स्कीम को पिको -प्लाका (peak and plate) नाम दिया गया था. इसके तहत वे हर सप्ताह में दो दिनों तक दो घंटे के लिए कारें बैन कर देते थे. हालांकि इस स्कीम से प्रदूषण में कोई खास फायदा नहीं देखा गया.
इसके अलावा यूरोप के कई प्रमुख शहरों जैसे लंदन, बर्लिन, डूसेलडोर्फ, रोम, कोपेनहेगेन, प्राग और एम्सटर्डम में लो इमिशन जोन है. इसके तहत अलग-अलग जगह पर मानक तय किए गए हैं और उन मानकों को पूरा न कर पाने वाली गाड़ियों को यहां की सड़कों पर नहीं चलने दिया जाता. हालांकि अब भी वहां कई ऐसे शहर हैं जो ऐसे किसी जोन के तहत नहीं आते जैसे ज्यूरिक, डबलिन, मैड्रिड, ब्रुसेल्स और बार्सिलोना.
कब-कब दिल्ली में लागू हुआ ऑड-इवन ?
इससे पहले 1 जनवरी 2016 को पहली बार और 15 अप्रैल 2016 को दूसरी बार दिल्ली में ऑड-इवन स्कीम को लागू किया जा चुका है. जहां पहली बार दिल्ली में ये स्कीम हिट रही. वहीं, दूसरी बार लोगों की ओर से इसे फ्लॉप करार दिया गया था.