मजबूरी में प्राइवेट टैंकर मंगाने पड़ते हैं। दो हजार लीटर का टैंकर डेढ़ से दो हजार रुपये में मिलता है। पांच दिन पहले ऑर्डर देना पड़ता है। यह खारा पानी अवैध बोर से निकाला जाता है। पीने के पानी की 20 लीटर की बोतल 30 से 80 रुपये के बीच मिलती है।

निशुल्क हैं पानी के टैंकर

दिल्ली जल बोर्ड की एक सूचना अधिकारी ने कहा कि उन्हें पानी की किल्लत के बारे में तो पता है, लेकिन संगम विहार में पानी के लिए हुई मारपीट की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पानी के टैंकर निशुल्क हैं। कोई अधिकारी या टैंकर चालक रिश्वत मांगता है तो बताएं। आरोपित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। इस बारे में दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया के मोबाइल फोन पर कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।

प्रकाश जारवाल (क्षेत्रीय विधायक) के मुताबिक, संगम विहार में पानी के लिए मारपीट की जानकारी मुख्यमंत्री को दे दी थी। पानी की समस्या को देखते हुए जल बोर्ड के 15 अतिरिक्त टैंकर मांगे थे, लेकिन चार मिले। अभी 35 टैंकरों से देवली विधानसभा क्षेत्र की 38 अनधिकृत कॉलोनियों में जलापूर्ति हो रही है। 

देवली में पानी के टैंकरों पर मासिक खर्च 60 लाख

देवली विधानसभा क्षेत्र में पानी के टैंकरों पर हर माह औसतन 60 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। अधिकार सोसायटी एनजीओ के अध्यक्ष ब्रजपाल उपाध्याय ने सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत जल बोर्ड से जो जानकारी मांगी थी, उसका जवाब 20 अप्रैल को जल बोर्ड ने दिया। जल बोर्ड ने उन्हें बताया कि विभाग के कुल 78 टैंकर देवली विधानसभा क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के लिए लगाए हैं। इनमें 74 डीजल और चार टैंकर सीएनजी के हैं। अधिकार सोसायटी के महासचिव गोकुलेश भारद्वाज ने कहा कि पानी किल्लत के विरोध में वह कॉलोनी के लोगों के साथ नौ से 11 जून तक संगम विहार में आंदोलन करेंगे।