लालफीताशाही के चलते लंबे समय से लटकी लैंड पूलिंग पॉलिसी को शुक्रवार को स्वीकृति मिल ही गई। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की बोर्ड बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मंजूरी दे दी। इस पॉलिसी के तहत दिल्ली में 17 लाख नए घर बनने का रास्ता साफ हो गया है। इनमें से पांच लाख घर ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के होंगे। हालांकि एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) 400 की जगह 200 ही रखे जाने से 25 हजार सस्ते घर बनाने की योजना अब पूरी नहीं हो पाएगी।
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जानकारी के मुताबिक इस पॉलिसी में अब 95 गांवों का भी शहरी विस्तार हो सकेगा। लैंड पूलिंग पॉलिसी दिल्ली में सस्ते घरों को उपलब्ध करवाने के लिए बनाई गई है। दावा किया जा रहा है कि इस पॉलिसी के मंजूर होने से दिल्ली मे आर्थिक, सामाजिक और बुनियादी विकास भी तेजी से होगा। यह दिल्ली के लाखों किसानों को निवेश करने का एक और जरिया देगी।
पॉलिसी के तहत बेहतर योजना और ढांचा मुहैया करवाने के लिए इंटीग्रेटेड सेक्टर बेस्ड प्लानिंग को अपनाया गया है। एक सेक्टर 250 से 300 हेक्टेयर जमीन में फैला होगा। इसमें भी 70 फीसद जमीन एकसाथ होना जरूरी है।
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