दिल्ली-लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस में आग लगने की घटना की जांच करने के लिए आरपीएफ की तीन टीमें गठित की गई हैं। एक टीम में आग लगने की जगह गाजियाबाद स्टेशन पर, दूसरी टीम नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जहां पार्सल वैन में सामान लोड किया गया था और तीसरी टीम सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी।
वहीं, पार्सल वैन में सामान लोड करने वाली एजेंसी के कर्मचारी ज्ञानेंद्र पांडेय को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपित ने ज्वलनशील पदार्थ व अन्य प्रतिबंधित सामान पार्सल वैन में लोड करने की बात स्वीकार की है।
बता दें कि दिल्ली से लखनऊ जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के पार्सल यान में शनिवार सुबह गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर आग लग गई थी। ट्रेन स्टेशन पर आकर रुकी ही थी तभी उसके पार्सल यान से आग की लपटें निकलने लगीं। स्टेशन पर मौजूद यात्रियों और रेलवे प्रशासन की सतर्कता से फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियों ने करीब आधे घंटे में आग पर काबू पाया। करीब डेढ़ घंटे बाद शताब्दी एक्सप्रेस लखनऊ के लिए रवाना हुई। इस बीच चार ट्रेनों को दूसरे ट्रैक से निकाला गया था। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने हादसे की जांच के आदेश दिए थे।
पार्सल यान में काफी मात्र में रेडीमेट गारमेंट, विभिन्न कंपनियों के मोबाइल, मोबाइल के उपकरण, विभिन्न कंपनियों की बैट्री, बच्चों की साइकिल, लाउडस्पीकर आदि सहित बड़ी मात्र में अन्य पार्सल रखे हुए थे, जो खाक हो गए हैं।
दरअसल,नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शताब्दी एक्सप्रेस शनिवार सुबह 6:41 पर गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म दो पर पहुंची। इस बीच अचानक पार्सल यान से धुआं उठा, जो कुछ ही देर में आग की लपटों में तब्दील हो गया। ट्रेन में तैनात गार्ड विष्णु दास शिवहरे और आरपीएफ के जवान वेद ने इसकी सूचना लोको पायलट और रेलवे अफसरों को दी। इस बीच स्टेशन पर भगदड़ मच गई। ट्रेन से यात्री कोच से निकलकर बाहर खड़े हो गए। रेलवे प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत पार्सल यान को ट्रेन से अलग किया और फायर ब्रिगेड को सूचना दी।